क्या यह मुलाकात भी महज इत्तेफाक है
देहरादून। चुनाव पूर्व उत्तराखंड की राजनीति में जो दलबदल का दौर शुरू हुआ है वह अब चुनाव तक थमता नहीं दिख रहा है। बीते दिनों भले ही डॉ हरक सिंह व उमेश शर्मा काऊ की नेता विपक्ष प्रीतम सिंह से फ्लाइट में होने वाली मुलाकात भले ही महज एक इत्तेफाक बताया गया हो लेकिन क्या यह मुलाकात भी इत्तेफाक है ऐसा संभव नहीं है।
यह तस्वीर जो आप देख रहे हैं यह डॉ हरक सिंह के सरकारी आवास की है। जहां आज यह नेता एक दूसरे के गलबहियंा हो रहे हैं। यह तो स्वाभाविक है कि जब तस्वीर डॉ हरक सिंह के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर की है तो प्रीतम सिंह व ब्रह्मस्वरुप ब्रहमचारी ही उनसे मिलने उनके घर गए होंगे। लेकिन नेता प्रतिपक्ष की इस मुलाकात के मायने क्या है? उन्हें डॉ हरक सिंह के घर जाने की क्या जरूरत आ पड़ी थी। तो आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यह दल बदल की वह खिचड़ी ही है। जो इन दिनों सूबे की राजनीति में पक रही है।
इससे पूर्व अभी 11 अक्टूबर को काबीना मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुके हैं। बीते कल भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व कांग्रेस नेता कोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा था कि भाजपा के 6 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं जो बहुत जल्द पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं। खैर डॉ हरक सिंह व काऊ कब कांग्रेस में शामिल होंगे, होंगे या नहीं होंगे यह बात तो अलग है लेकिन इन मुलाकातों को बेवजह भी नहीं माना जा सकता है। कुछ तो है जो इनके बीच पक रहा है। आर्य के जाने के बाद भाजपा के भी कान खड़े हैं उसे हर पल यही डर बना रहता है कि कहीं कोई और न उधर चल दे। डॉ हरक सिंह व काऊ कांग्रेस में आएंगे तब आएंगे लेकिन वह भी भाजपा को डराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं यह तो तय है।