सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने की सफाई कराने का आदेश दिया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़े फैसले में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने की सफाई कराने का आदेश दिया। हिंदू पक्ष की याचिका पर शीर्ष अदालत ने यह फैसला किया। हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि वजूखाने में 25-26 दिसंबर 2023 के बीच मछलियां मर गई। इस वजह से टैंक से बदबू आ रही है। चूंकि वहां हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाने वाला शिवलिंग है, इसलिए उस स्थान की सफाई होनी चाहिए। हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा कि वजूखाने की मछलियों की मौत 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच हुई है। इस वजह से बदबू आना शुरू हो गया है। याचिका में आगे कहा गया, ‘वहां मौजूद “शिवलिंग” हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है। इसलिए उसे किसी भी तरह की धूल, गंदगी और मरे हुए जानवरों से दूर रखना चाहिए। उसकी सफाई होनी चाहिए। मगर अभी वह मरी हुई मछलियों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से भगवान शिव को मानने वाले भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं।’ हिंदू पक्ष की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने डीएम की निगरानी में ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष ने भी इस फैसले का विरोध नहीं किया। यह याचिका अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जर‍िए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याच‍िका में कहा गया था क‍ि वहां पर प्रबंधन की ज‍िम्‍मेदारी अंजुमन इंटेजामिया मस्जिद के पास है जो ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद का प्रबंधन करती है। इसी लिए मछलियों के मारे जाने के लिए वो ही जिम्मेदार हैं। इसल‍िए वहां साफ करने के लिए जिलाधिकारी को दिशा न‍िर्देश की मांग की गई थी। आपको बता दें क‍ि ‘वज़ुखाना’ के क्षेत्र को 2022 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर सील कर दिया गया था। यहां ‘शिवलिंग’ के आकार का पत्थर मिला था, जिसके बाद सील करने का आदेश दिया गया है। 16 मई 2022 को, काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद में एक अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण के दौरान, इस संरचना को हिंदू पक्ष द्वारा ‘शिवलिंग’ और मुस्लिम पक्ष द्वारा ‘फव्वारा’ होने का दावा किया गया था।

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