नई दिल्ली। एक मैगजीन में यह दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर बंधक बना हुआ है और अखूंदजादा इस दुनिया में नहीं है। बता दें कि इन दोनों खबरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ब्रिटेन की पत्रिका द स्पेक्टेटर ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि सत्ता को लेकर हुए संघर्ष में डेप्युटी पीएम मुल्ला बरादर और आतंकियों का सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला बुरी तरह से घायल हो गए। द स्पेक्टेटर के मुताबिक संघर्ष हक्कानी नेटवर्क के साथ हुआ और उसमें हक्कानी समर्थक कामयाबा रहे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी हक्कानी नेटवर्क का समर्थन कर रही है।
राष्ट्रपति भवन में संघर्ष के बाद मुल्ला बरादर ने टीवी पर एक लिखित बयान को पढ़ा था जिससे उनके बंधक बनाए जाने की अटकलें और तेज हो गई थीं। कई विशेषज्ञों ने कहा था कि मुल्ला बरादर दबाव में था और उससे जोरजबरदस्ती से बयान पढ़ावाया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर में लड़ाई झगड़ा हुआ जिसमें दौरान फर्नीचर और गर्म चाय से भरे बड़े-बड़े थर्मस भी फेंके गए थे। हैबतुल्ला अखूंदजादा के बारे में द स्पेक्टेटर मैगजीन का कहना है कि अभी तक तालिबान के सुप्रीम लीडर के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है। हैबतुल्ला को न तो देखा गया है और न ही कुछ समय से उसके बारे में किसी तरह की जानकारी सामने आ रही है। इस तरह की अफवाह है कि वह मर गया है। इससे पहले आई खबरों में कहा गया था कि तालिबान का प्रमुख चेहरा रहे मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को दरकिनार कर दिया गया है। अमेरिका और कई देशों को उम्मीद थी कि देश की कमान उन्हीं के हाथ में सौंपी जाएगी लेकिन ऐसा हो न सका। आखिकार मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया।