देश की सभी भाषाओं की मित्र है हिंदी : अमित शाह

0
259

सूरत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गुजरात के सूरत में कहा कि हिंदी, देश की अन्य सभी भाषाओं की प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि उनकी मित्र है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के मुकाबले हिंदी को प्रोत्साहित करने के दुष्प्रचार अभियान की निंदा की। शाह ने क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिंदी को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया। सूरत में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सभी भाषाओं के सह-अस्तित्व को स्वीकार करने की जरूरत है। उन्होंने अन्य भाषाओं से शब्द लेकर हिंदी का शब्दकोश बढ़ाने और इसे लचीला बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, मैं एक चीज स्पष्ट करना चाहता हूं। कुछ लोग यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिद्वंद्वी हैं। हिंदी देश में किसी भी अन्य भाषा की प्रतिद्वंद्वी नहीं हो सकती। आपको यह समझना होगा कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की मित्र है। उन्होंने कहा कि देश की क्षेत्रीय भाषाएं तभी समृद्ध हो सकती हैं जब हिंदी समृद्ध होगी और क्षेत्रीय भाषाओं के विकास से हिंदी भी समृद्ध होगी। गृह मंत्री ने कहा, सभी को यह स्वीकार करना और समझना होगा। जब तक हम भाषाओं के सह-अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते, तब तक हम देश को अपनी भाषा में चलाने के सपने को साकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, मैं यह पूरी गंभीरता से कहना चाहता हूं कि सभी भाषाओं और मातृभाषाओं को जीवित रखना तथा उन्हें समृद्ध करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इन सभी भाषाओं के समृद्ध होने से ही हिंदी समृद्ध होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here