देहरादून। केदारनाथ धाम में भू—स्वामित्व के साथ भवन देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों द्वारा आज से आमरण अनशन शुरू कर दिया गया है। रविवार को दूसरे दिन भी तीर्थ पुरोहित मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे। लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली गयी।
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ आपदा को 10 वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक उन्हें भू स्वामित्व नहीं मिला है साथ ही ध्वस्त भवनों को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। धाम में बिना तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए भवनों से छेड़छाड़ की जा रही है।
उनका कहना है कि केदारनाथ धाम में वर्ष 2013 की आपदा में बहे भवनों के स्थान पर जो निर्माण हुए वे भवन उन्हें सौंपे जाएं। कहा कि केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर सरकार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगी सोने की परत की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी दोहराई। आज केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मंत्री अंकित सेमवाल, कोषाध्यक्ष प्रवीण तिवारी, सदस्य प्रदीप शुक्ला एवं पंकज शुक्ला आमरण अनशन पर बैठेंगे। वहीं धरना देने वालों में केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मंत्री अंकित सेमवाल, संतोष त्रिवेदी, पंकज शुक्ला, संदीप सेमवाल, विजेंद्र शर्मा, उमेश चंद्र पोस्ती, चिमनलाल शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, अरविंद शुक्ला, अनुराग शुक्ला, आशीष शुक्ला समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं स्थानीय लोग शमिल रहे।
वहीं दूसरी ओर चार सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा केदार सभा के आंदोलन को उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है। अगर सरकार शीघ्र तीर्थपुरोहितों की मांगों पर आवश्यक कार्रवाई नहीं करती है, तो महापंचायत चारों धामों में प्रदर्शन करेगी। चारधाम तीर्थ महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बयान में कहा कि केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित पिछले 10 वर्षों से अपने पुनर्स्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। कहा कि अगर केदारसभा के तीर्थ पुरोहितों की चार सूत्रीय मांगों को जल्दी पूरा नहीं किया गया तो चारों धामों में आंदोलन किया जाएगा।