राष्ट्रीय खेल मील का पत्थर

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उत्तराखंड में इन दिनों राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन चल रहा है। राष्ट्रीय खेलों के इस महाकुंभ को शुरू हुए अभी 3 दिन का समय ही हुआ है। 38वें राष्ट्रीय खेलों में बीते कल सूबे के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहला गोल्ड मेडल जीता। उत्तराखंड भले ही अभी मेडल की सूची में एक स्वर्ण पदक और दो कांस्य पदक जीतकर 13वें स्थान पर हो लेकिन बैडमिंटन और ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में उसके अच्छे प्रदर्शन से अभी उसके और कई पदक जीतने की उम्मीदें बरकरार है। गोवा में आयोजित किए गए 37 वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने 24 पदक जीते थे तथा इससे पूर्व 36वें राष्ट्रीय खेलों में उसका प्रदर्शन अच्छा रहा था और राज्य के खिलाड़ी 16 पदक जीतने में सफल रहे थे। 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन जब उत्तराखंड में हो रहा है तब राज्य के खिलाड़ियों को अपने गृह राज्य में खेलों का आयोजन होने का लाभ स्वाभाविक तौर पर मिलना चाहिए, इसलिए उनसे यह अपेक्षा की जा रही है कि राज्य के खिलाड़ी इस बार भी अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए मेडल जीतने के रिकॉर्ड में भी लगातार वृद्धि और सुधार के क्रम को बरकरार रखेंगे तथा इस बार वह गोवा में जीते गए 24 से अधिक पदक जीतेंगे। 14 फरवरी तक चलने वाले इन राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में राज्य की सरकार व खेल मंत्रालय द्वारा कितनी भव्य तैयारियां की गई है इसका नजारा इन खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान हम देख चुके हैं। सरकार द्वारा इन खेलों का आयोजन 9 जिलों के 12 स्थानों पर कराया जा रहा है। 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में किए जाने का जो सबसे अधिक फायदा राज्य और राज्य के खिलाड़ियों को होने जा रहा है वह राज्य में खेल ग्राउंडों और स्टेडियमों में विकसित की जाने वाली सुविधाओं के रूप में होने वाला है। उदाहरण के तौर पर हम रायपुर स्टेडियम में बनाई गई शूटिंग रेंज को ही ले सकते हैं। जो अब तक देश की अन्य सभी तीन शूटिंग रेंज से भी अधिक अत्याधुनिक सुविधाओं और टेक्नोलॉजी से लैस है। इसके बारे में खिलाड़ियों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने इतनी अत्याधुनिक शूटिंग रेंज पर कभी प्रदर्शन नहीं किया है। इसके अलावा राज्य में फुटबॉल से लेकर हॉकी तक खेलने के लिए जो मैदान और अच्छे मैदान तैयार किए गए हैं उनका लाभ आने वाले समय में राज्य के खिलाड़ियों को ही मिलना है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिलने से ही सही राज्य के खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान और सुविधाएं मिल सकेंगे यह इन खेलों की एक बड़ी उपलब्धि रहेगी। यही नहीं इन खेलों से राज्य की खेल प्रतिभाओं को जो आगे बढ़ने और अधिक बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी वह राज्य के लिए वरदान साबित होगी। राज्य सरकार को भले ही इस आयोजन को संपन्न कराने और इसकी तैयारियों पर भारी भरकम बजट खर्च करना पड़ा हो लेकिन राज्य के खेल और खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य के लिए नए रास्ते इससे जरूर ही खुल सकेंगे। कल खेल मंत्री रेखा आर्य जो खुद हरिद्वार में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान मौजूद थी वह अब तक की तैयारियों व खेल प्रतियोगिताओं की प्रगति से संतुष्ट दिखी।

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