उत्तराखंड के भर्ती घोटालों ने सूबे के नेताओं और राजनीतिक दलों के दामन पर जो दाग लगा दिया है उसे अब कोई भी डिटर्जेंट साफ नहीं कर पाएगा। भले ही यह नेता अब लाख कोशिशें कर ले और इस बड़े भ्रष्टाचार को लेकर कोई भी कठोर से कठोर कार्यवाही कर ली जाए लेकिन इन आरोपों से उन्हें मुक्ति नहीं मिल सकेगी। क्योंकि जनता के सामने इनका असली चेहरा बेनकाब हो चुका है। कांग्रेस व भाजपा के नेताओं को अब यह समझ आ चुका है कि अपनों के बचाव में वह अगर कुछ भी कहेंगे या करेंगे तो उससे उनकी और अधिक किरकिरी ही होगी। यही कारण है कि कांग्रेस ने गोविंद सिंह कुंजवाल का साथ छोड़ दिया है पूर्व सीएम हरीश रावत जो उनके सबसे अधिक करीबी माने जाते थे वह भी अब यह कह रहे हैं कि उन्हें बहुत समझाया था कि वह आग से खेल रहे हैं साथ ही वह यह भी कह रहे हैं कि वह उनका कोई बचाव नहीं कर रहे हैं। सभी की जांच हो और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई हो। वहीं भाजपा के सामने भी अपनी भ्रष्टाचार विरोधी छवि को बचाने का संकट पैदा हो गया है। भाजपा हाईकमान उत्तराखंड के भाजपा नेताओं से सख्त नाराज है और इन घोटालों में लिप्त नेताओं पर क्या कार्रवाई की जाए? इस पर मंथन जारी है। लपेटे में सिर्फ प्रेमचंद्र अग्रवाल ही नहीं है वह तमाम नेता भी हैं जिनके बच्चों और सगे संबंधियों को नौकरियां दी गई। अभी जब विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने पत्रकार वार्ता की थी तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के न खाऊंगा न खाने दूंगा जैसे नीति वाक्य से अपनी बात शुरू की थी। लेकिन यहां तो भाजपा नेता खुद तो खा ही रहे हैं अपनों को भी खूब खिला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जिस परिवारवाद और भाई—भतीजावाद को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते रहे हैं भाजपा के नेताओं द्वारा उसकी कैसी धज्जियंा उड़ाई जा रही है यह भर्ती घोटाले इसका बेहतरीन उदाहरण है। भाजपा की नीतियों पर दाग लगाने वाले सूबे के भाजपा नेताओं पर पार्टी क्या कार्रवाई करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन एक बात तय है कि उनके खिलाफ पार्टी बड़ी कार्रवाई जरूर करेगी। भले ही उनकी किसी भी कार्यवाही से इस घाव को धोया जाना संभव न सही। इन भर्ती घोटालों के खुलासे से भाजपा की छवि को भारी नुकसान हुआ है यह सच है। युवाओं में अपने साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर जो आक्रोश है उसका असर 2024 के चुनाव पर पढ़ना भी तय है। जो भाजपा की परेशानी की एक बड़ी वजह है। मुख्यमंत्री धामी प्रदेश के युवाओं को न्याय का भरोसा दिला रहे हैं। रितु खंडूरी भी कह रही है कि युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे लेकिन वह उन युवाओं के लिए क्या करेगी जिनके हक पर डाका डाला गया जो नौकरी के इंतजार में ओवरएज हो गए जिन्हें दिन रात एक करके भी नौकरी नहीं मिली उसकी भरपाई भाजपा कैसे करेगी? भाजपा हो या कांग्रेस उन्हें इसका खामियाजा भोगना ही पड़ेगा और जो दाग उनके दामन पर लगा है उसे भी वह अब मिटा नहीं पाएंगे।