दून में कोरोना का प्रकोप

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वेल्हम गर्ल्स स्कूल क्षेत्र मिनी कंटेनमेंट जोन घोषित

बाहरी लोगों के आने जाने पर लगा पाबंदी
खाघ विभाग करेगा जरूरी सामानों की आपूर्ति

देहरादून। भले ही कोरोना की तीसरी लहर बेअसर साबित होने और टीकाकरण के बाद आम आदमी कोरोना को लेकर बेफिक्र हो चुका हो लेकिन कोरोना कहीं गया नहीं है। बीते कल राजधानी के वेल्लम गर्ल्स स्कूल में 6 छात्राओं सहित 16 लोगों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल परिसर को सील कर दिया गया है तथा यहां बाहर से आने—जाने वालों पर पाबंदी लगा दी गई है।
भले ही यह राजधानी दून का एक छोटा सा क्षेत्र सही जहां अभी मिनी कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। लेकिन इसे लाक डाउन की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं और आम नागरिकों के कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
एसीएमओ राजीव दीक्षित का कहना है कि यह छात्राएं किस तरह से कोरोना संक्रमित हुई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। क्योंकि इन छात्राओं की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उनका कहना है कि फिलहाल स्कूल को बंद कर दिया गया है तथा संक्रमित मिली छात्राओं को होम आइसोलेशन में रखा गया है। वेल्हम गर्ल्स स्कूल और उसके आसपास के क्षेत्र को कंटोनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है तथा किसी के भी आवागमन पर यहां पाबंदी लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग अब इन छात्राओं के कांटेक्ट में आने वालों की ट्रेसिंग वह सैंपलिंग की कार्रवाई कर रहा है। ऐसी संभावना है कि स्कूल में यह छात्राएं अनेक अन्य छात्राओं के संपर्क में रही हैं जिससे कुछ अन्य छात्राएं भी कोरोना संक्रमित हो सकती हैं।
इस क्षेत्र को मिनी कंटोनमेंट जोन घोषित किए जाने के बाद यहां राशन और अन्य खाघ सामग्री व वस्तुओं की आपूर्ति की जिम्मेवारी खाघ विभाग को सौंपी गई तथा नगर निगम स्कूल परिसर सहित पूरे क्षेत्र का सैनिटाइजेशन करेगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अभी बीते दिनों ब्राइटलैंड स्कूल का एक छात्र और कुछ स्टाफ भी कोरोना संक्रमित पाया गया था तथा इस साल अब तक देहरादून जिले में 33 हजार कोरोना मरीज मिल चुके हैं। तथा इस समय 80 के आसपास एक्टिव केस है।
सरकार द्वारा भले ही बीते दिनों सभी कोरोना पांबदियंा हटा ली गई थी लेकिन जिस तरह से एक बार फिर कोरोना के केस बढ़ते दिख रहे हैं फिर से पाबंदियों का दौर भी शुरू हो चुका है और मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। उधर चारधाम यात्रा को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। यात्रा काल में अगर कोरोना ने पैर पसारेे तो स्थिति बिगड़ सकती है।

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