दीपम सेठ बने उत्तराखंड के नए डीजीपी

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  • 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अफसर

देहरादून। 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अफसर दीपम सेठ उत्तराखण्ड के नए डीजीपी बने। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।
आज यहां डीजीपी दीपम सेठ से पहले लगभग एक साल से उत्तराखंड पुलिस की कमान संभाल रहे थे अभिनव कुमार, जो 1996 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, अभिनव कुमार ने लगभग एक साल तक पुलिस विभाग की कमान संभाली और इस दौरान उत्तराखंड पुलिस ने अपने इकबाल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अभिनव कुमार के कमान सम्भालते ही उत्तराखंड पुलिस ने अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसा। हरिद्वार में बाबा तरसेम हत्याकांड और ज्वैलरी शॉप डकैती जैसे मामलों में पुलिस की शानदार कार्रवाई देखने को मिली। हरिद्वार पुलिस ने इन कुख्यात अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर जनता के बीच सुरक्षा का भरोसा कायम किया। इसके अलावा, देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे क्षेत्रों में पुलिस एनकाउंटर के बाद कई बदमाशों को दबोचने में कामयाब रही साथ ही बड़ी कार्रवाइयों के तहत पुलिस ने न केवल अपराधियों को दबोचा, बल्कि ड्रग्स के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाया। ष्ड्रग्स फ्री देवभूमि के लक्ष्य को लेकर चलाए गए अभियानों ने अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए। दीपम सेठ, जो अपने दृढ़ निर्णय और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं, के नेतृत्व में पुलिस विभाग और भी मजबूती से कार्य करेगा, ऐसी उम्मीदें जताई जा रही हैं। जनता में सुरक्षा और विश्वास बनाए रखना और अपराध पर अंकुश लगाना उनकी प्राथमिकताओं में होगा। उत्तराखंड पुलिस के शानदार इतिहास को देखते हुए नए डीजीपी के कार्यकाल से राज्य के नागरिकों को और बेहतर सुरक्षा और सेवा की उम्मीदें हैं। दीपक सेठ का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने सीनियर सेकेंडी की शिक्षा शेरवुड कॉलेज नैनीताल से प्राप्त की। उनके अध्ययन के प्रति समर्पण ने उन्हें 1997 में ओस्मानिया विश्वविघालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री व 2022 में आईआईटी रूडकी से पीएचडी प्राप्त करने की प्रेरणा दी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन, कोसोबीःजहां उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य किया। 2004 में कोसोवो में सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक। 2011 में सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक व 2021 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक मिले। उनकी प्राथमिकता मादक पदार्थो की तस्करी पर सख्त कार्यवाही। पुलिससिंग को पारदर्शी और जनहितैषी बनाना, यातायात प्रबंधन और सडक दुर्घटनाओं के रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही के साथ ही महिलाओ एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष पहल करना है।

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