देहरादून। कोरोना महामारी में कोविड 19 के संक्रमण और उसके बाद हुए ब्लैक फंगस ने महामारी के खौफ को कई गुना अधिक बढ़ा दिया था। एक बीमारी से निजात मिली नहीं कि दूसरी कष्टदायी बीमारी ने जकड़ लिया। ये दोनों बीमारियां ऐसी हैं जिनमें मेडिकल साइंस ने सुधार के रास्ते तो दिखाए लेकिन वह काफी खर्चीले रहे। खर्चीले इतने कि सामान्य आय वर्ग वाले लोगों की पंहुच से एकदम दूर। लेकिन एक समय में जानलेवा हुई इन बीमारियों पर आयुष्मान ने नकेल डाली तो तब जाकर आम लोगों ने राहत की सांस ली। कोविड-19 के 2700 से अधिक मरीजों और ब्लैक फंगस के 52 से अधिक मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त में हुआ। जिस पर राज्य सरकार ने 26 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की।कोरोना काल में कोविड के साथ ही ब्लैक फंगस के मामलों का भी खतरा आया। तेजी से संक्रमण फैलने की वजह से अब इसे भी महामारी घोषित कर दिया गया है। हजारों की तादाद में लोग कोविड के बाद ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आए। जिनमें से कई लोगों की जान तक चली गई। उत्तराखंड में भी इस बीमारी के खतरनाक रूप से अछूता नहीं रहा। लेकिन आयुष्मान योजना ने मरीजों को वह राहत दी जिसे वह जीवन में कभी नहीं भुला पाएंगे। प्रदेश में 2700 के अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों और ब्लैक फंगस के 52 से अधिक मरीजों का इलाज आयुष्मान कार्ड के जरिए हुआ। जिस पर 26 करोड़ रूपए से अधिक खर्च हुए।
योजना के फीडबैक में मरीज स्वयं अपनी व्यथा में इस बात को बंया कर रहे हैं कि यदि आयुष्मान नहीं होता तो कोविड व ब्लैक फंगस जैसी घातक व खर्चीली बीमारी से पार पाना उनके लिए किसी भी सूरत में संभव नहीं था। लाभार्थी अब योजना के बेहतर संचालन के लिए राज्य सरकार के साथ ही संबंधित अस्पताल व राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का भी आभार जता रहे हैें।काशीपुर की रहने वाली उषारानी कहती हैं कि उसे कोविड हो गया था और उपचार में लगभग 1.67 लाख रूपए का खर्च आया जो कि आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त में हुआ। उन्होंने इसके लिए आयुष्मान योजना, केंद्र व राज्य सरकार का आभार जताया। इसके अलावा सिंचाई विभाग में कार्यरत सुभाष चंद्र रमोला, देहरादून निवासी द्वारिका प्रसाद सती, नरेंद्र सिंह, सुनील पांडे आदि लाभार्थियों ने भी सरकार का आभार जताते हुए कहा कि कोविड का इलाज बहुत महंगा है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत कोविड के उपचार में उनका एक भी पैसा नहीं लगा। लाभार्थी कहते हैं कि आयुष्मान योजना लोक कल्याण की योजना है। वह कहते हैं कि जिन लोगों ने अभी तक अपने आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए उन्हें तुरंत बनाने चाहिए।