कोलंबो । फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक, पाकिस्तान पर चीन का 77.3 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव चीन के सबसे बड़े कर्जदारों में से एक हैं।जिन लोगों पर चीन का सबसे अधिक विदेशी कर्ज है, उनमें पाकिस्तान 77.3 अरब डॉलर, अंगोला 36.3 अरब डॉलर, इथियोपिया 7.9 अरब डॉलर, केन्या 7.4 अरब डॉलर और श्रीलंका 6.8 अरब डॉलर हैं। वहीं, अगर मालदीव की बात की जाए तो इस देश का कर्ज उसकी सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 फीसदी है। द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव का कुल कर्ज 2020 के अंत तक एमवीआर 86 बिलियन है, जिसमें से एमवीआर 44 बिलियन विदेशी कर्ज है।
फोर्ब्स ने 2020 तक विश्व बैंक की रिपोर्ट से डेटा एकत्र करते हुए कहा कि दुनिया भर के 97 देश चीनी कर्ज में हैं। द आइलैंड आनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बंदरगाह, रेल और भूमि के बुनियादी ढांचे के निर्माण के वित्तपोषण के लिए चीनी वैश्विक परियोजना, चीन के लिए ऋण का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है।
चीन के भारी कर्ज वाले देश ज्यादातर अफ्रीका में स्थित हैं, लेकिन मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत में भी पाए जा सकते हैं। वन बेल्ट एंड रोड योजना के तहत चीन ज्यादातर देशों में पहुंच रहा है। दुनिया के कम आय वाले देशों ने 2022 में चीन को अपने कर्ज का 37 फीसदी हिस्सा दिया है, जबकि बाकी दुनिया के लिए सिर्फ 24 फीसदी द्विपक्षीय कर्ज है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले देशों की लिस्ट में श्रीलंका का स्थान पांचवां है। श्रीलंका ने जीएनआई का 9 फीसदी कर्ज चीन से ले रखा है। इन दिनों चीन द्वारा बुरे कर्ज देकर देशों को गहरे आर्थिक संकट में ढकेलने की प्रथा को लेकर चीन की आलोचना हो रही है। चीन इस आलोचना को खारिज करता आया है। बीजिंग का कहना है कि उसकी छवि खराब करने के लिए कुछ देश ऐसा प्रोपैगेंडा फैला रहे हैं।