आम बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत

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  • कर स्लैब में बड़ा बदलाव, 12 लाख की आय तक कोई टैक्स नही
  • किसानों और महिलाओं के साथ युवाओं के लिए भी कई सुविधाएं
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार लायेगी कई योजना
  • 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा को सामने रखकर बनाया बजट

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की 3.0 वाली सरकार में वित्त मंत्री सीतारमण ने आज लगातार अपना आठवां बजट पेश किया। लोक लुभावना कहे जाने वाले इस बजट में उनके द्वारा मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। आयकर स्लैब में बड़े बदलाव के साथ किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए अनेक ऐसी घोषणाएं इस बजट में की गई है जो मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने वाली है।
    आमतौर पर आम बजट को लोगों द्वारा आयकर तथा अन्य करों में दी जाने वाले छूट या नए कर लगाए जाने के संदर्भ में ही देखा जाता है। अपने पिछले बजट में उनके द्वारा आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए गए हो लेकिन इस बार उन्होंने 12 लाख तक की आय सालाना वाले लोगों को कर के दायरे से बाहर रखा गया है। स्लैब में इतने बड़े बदलाव की उम्मीद किसी को भी नहीं थी। नई आयकर दरों के अनुसार अब एक लाख तक वेतन पाने वाले या आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा मोदी सरकार के कार्यकाल में इसे पहले 2.5 लाख फिर 5 लाख तथा बीते समय 7 लाख तक आय वाले लोगों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया था जिसे अब एक साथ बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है। वित्त मंत्री का कहना है कि इससे हर आयकर दाता को फायदा होगा। वेतन भोगियों के लिए यह छूट की सीमा 12.75 लाख होगी।
    वर्तमान बजट में वित्त मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री धन—धान्य कृषि योजना की शुरुआत करने के साथ ही किसानों के क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को तीन लाख से बढ़कर 5 लाख कर दिया गया। वही दालों के उत्पादन बढ़ाने के लिए भी योजना बनाई गई है।
    स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बजट में मेडिकल की 75 फीसदी सीटों को 5 सालों में बढ़ाने की घोषणा की गयी है। सरकार द्वारा इस बजट में 36 जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें कम करने का फैसला लिया गया है। देश में पांच वैलनेस सेंटर खोलने की घोषणा भी वित्त मंत्री द्वारा की गई जिसका फायदा उत्तराखंड को भी मिल सकेगा। देश भर में 50 नये टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने और विकसित करने की घोषणा की गई है जिसका लाभ विशेष तौर पर उत्तराखंड को मिल सकता है। सीतारमण द्वारा आज पेश किए गए आम बजट में बीते—वित्तीय वर्ष के बजट घाटे 4.8 फीसदी की तुलना में इस साल 4.4 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है।

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