एएसआई की रिपोर्ट से तय होगा ज्ञान व्यापी मंदिर या फिर मस्जिद

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  • एएसआई ने ज्ञानव्यापी पर किये सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी

वाराणसी। बहुचर्चित ज्ञानव्यापी विवाद में आज एएसआई ने अपनी हजारों पेज की सर्वे रिपोर्ट को जिला अदालत में पेश कर दिया गया है। माना जा रहा है कि एएसआई की यह सर्वे रिपोर्ट अयोध्या राम मंदिर की तरह ज्ञान व्यापी विवाद को सुलझाने में भी मील का पत्थर साबित होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय हो सकेगा कि ज्ञानव्यापी मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद है या फिर वह मस्जिद ही है।
350 साल पुराने इस विवाद को लेकर हिंदू पक्षकारों द्वारा बीते 40 सालों से संघर्ष किया जा रहा है। कोर्ट द्वारा इस ज्ञानव्यापी परिसर को लेकर एएसआई द्वारा कराए गए सर्वे पर भी मुस्लिम पक्षकार सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन कोर्ट के आदेश पर हुए इस एएसआई सर्वे को वह रोक नहीं सके। 90 दिन चले इस सर्वे को पूरा करने के लिए एएसआई द्वारा चार बार समय अवधि बढ़ाने की अपील की गई और आखिरकार एएसआई द्वारा अपनी हजारों पन्नों की यह सर्वे रिपोर्ट जिला कोर्ट में सील बंद लिफाफे में सौंप दी गई है। इस दौरान आज विवाद से जुड़े पक्षकारों के प्रतिनिधि भी अदालत में मौजूद रहे।
इस बीच मुस्लिम पक्षकारों द्वारा रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने और बिंदुवार जानकारी के साथ दोनों पक्षों को देने की अपील भी तैयार की गई। मुस्लिम पक्षकारों ने मांग की है कि बिना कोर्ट हलफनामे में रिपोर्ट किसी को नहीं दी जाए। हिंदू पक्ष के वकीलों की दलील थी कि कोर्ट की कोई कार्यवाही गोपनीय नहीं है सर्वे की यह रिपोर्ट भी कोई गोपनीय दस्तावेज नहीं है। कोर्ट में इस रिपोर्ट को सौंपे जाने के बाद पक्षकारों द्वारा इस रिपोर्ट को हासिल किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस रिपोर्ट में ज्ञानव्यापी परिसर के सभी अष्ट मंडपों और तहखानो के अलावा उस दीवार का भी परीक्षण किया गया जो श्रृंगार गौरी पूजा से जुड़ी है। पूरे परिसर का परीक्षण वैज्ञानिक तरीके से बिना किसी तोड़ फोड़ के किया गया। तमाम धार्मिक चिन्हो और भवन के आकार प्रकार से लेकर उसके निर्माण के कालखंड तक पर इस रिपोर्ट में विस्तृत उल्लेख किया गया है।
माना जा रहा है कि जिस तरह से अयोध्या के विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे के लिए एएसआई सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने वहां राम मंदिर होने की पुष्टि की थी और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सका इस तरह से ज्ञान व्यापी विवाद का समाधान भी अब हो सकेगा। ज्ञान व्यापी शिव भगवान का मंदिर है या फिर मस्जिद है इस फैसले में यह सर्वे रिपोर्ट मील का पत्थर साबित होगी। एएसआई की इस रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्षकार पूरी तरह से उत्साहित और आशावंतित है कि अब वह मंजिल तक पहुंचने वाले हैं और उसके बिलकुल करीब आ चुके हैं उनका साफ कहना है कि 40 साल से जारी इस लड़ाई को अब हम जीतने वाले हैं तथा बाबा का भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। समाचार लिखे जाने तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी थी इस रिपोर्ट में क्या कुछ है इसका पता अभी नहीं लग सका है।


संयोग वश मोदी और योगी भी काशी में
वाराणसी। यह महज एक सहयोग है या फिर योग है कि आज जब ज्ञानव्यापी पर यह ऐतिहासिक फैसला हो रहा है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी काशी में ही मौजूद है। पीएम मोदी काशी कल गए थे उनका यह दो दिवसीय दौरा है। तमिल काशी संगमम और विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं जैसे कई आयोजनों में वह भाग ले रहे हैं। पीएम मोदी के साथ सीएम योगी भी है जब यह रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी गई तब दोनों एक ही मंच पर थे तथा आपस में कुछ वार्ता कर रहे थे। काशी के विकास को लेकर पीएम इसलिए भी संजीदा है क्योंकि वह यहां से सांसद भी हैं। काशी कैसी हो इस पर कल भी पीएम ने कहा था कि अब काशी वैसी ही बनती जा रही है जैसा उसे होना चाहिए था और यह सब बाबा की कृपा से हो रहा है।

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