चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले उम्मीदवारों की घोषणा संभव

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लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत की तैयारी

  • भाजपा 436 से अधिक सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी
  • विपक्ष का सुपड़ा साफ करने की रणनीति तैयार

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में अबकी बार 400 के पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही भाजपा ने 436 से भी अधिक सीटों पर अपने पार्टी प्रत्याशी खड़े करने की रणनीति बनाई है। भले ही भाजपा ने अभी भी तमाम क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रखा है लेकिन दो लोकसभा चुनावों में वह अपने दम पर पूर्ण बहुमत से आगे निकलने की क्षमता हासिल कर चुकी है और अब भाजपा के नीतिकार 2024 में अधिक से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर रिकॉर्ड सीटें जीतने की रणनीति पर मंथन करने में जुटे हुए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में पिछली बार (2019) में उतारे गए 436 सीटों से भी अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने जा रही है। चुनावी तैयारी के लिए एक साल से जुटी भाजपा ने 2024 के चुनाव में ऐसी रिकॉर्ड जीत की योजना तैयार की है जिसमें विपक्ष के पास कुछ शेष या खास नहीं बचेगा। पिछले 2019 के चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी जिसे अब वह 400 के पार ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है। कुल 552 सदस्यीय लोकसभा में अगर भाजपा अपनी कार्य योजना को धरातल पर उतारने में सफल रही तो समूचा विपक्ष सौ—सवा सौ सीटों तक ही सिमट कर रह जाएगा।
भाजपा के रणनीतिकारों द्वारा विधानसभा चुनावों की तर्ज पर लोकसभा चुनावो में कुछ नए फार्मूले आजमाने पर भी गंभीरता से चिंतन मंथन किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम से पहले पार्टी एक तिहाई से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है। जिससे प्रत्याशियों द्वारा अपना चुनावी तैयारियों के लिए अधिक समय मिल सकेगा वहीं इन सीटों पर घोषित प्रत्याशी के विरोध तथा समर्थन में खड़े होने वालों का भी पता चल सकेगा। भाजपा के लिए प्रत्याशियों की तलाश भी कोई मुद्दा नहीं रह गया है अधिकतर सीटों पर एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार युवा पीढ़ी को तैयार करने के लिए पार्टी का फोकस युवाओं व महिलाओं पर अधिक रहेगा। पार्टी को अपने कैडर वोट के अलावा केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों जिसमें गरीब, मजदूर, किसान और महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है सबसे अधिक समर्थन की उम्मीद है। वही पार्टी को हिंदुत्व व राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर बड़े समर्थन की आशा है जिसे लेकर पार्टी नेताओं में भारी उत्साह है जिसका अगर पूरा—पूरा लाभ मिल सका तो वह 2024 में विपक्ष का सुपड़ा साफ कर सकती है। भाजपा के नीतिकारों का मानना है कि भले ही विपक्ष ने इंडिया नाम से गठबंधन बना लिया हो लेकिन उसका कोई खास प्रभाव भाजपा की चुनावी रणनीति पर पड़ने वाला नहीं है।

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