देहरादून। तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों के विरोध तथा चुनावी दबाव के बीच आखिरकार आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गठित किए गए देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया गया।
मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि उनके द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद तीर्थ पुरोहित, पंडा और पुजारियों की जन भावनाओं को देखते हुए उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया है। अब सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इस आशय का प्रस्ताव लाकर इसे भंग करने की प्रक्रिया को ठीक वैसे ही पूरा करेगी जैसे केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों के मामलों में की है। देवस्थानम बोर्ड पर 14 जनवरी 2020 को एक्ट बना था जब राजभवन से इसे मंजूरी मिली थी।