- कांग्रेस में जश्न, भाजपा सरकार को बड़ा झटका
- बद्रीनाथ झांकी है, केदारनाथ बाकीः माहरा
- कांटे की टक्कर में मंगलौर से काजी 449 वोटो से जीते
- बद्रीनाथ में बुटोला ने भंडारी को 5224 वोटो से हराया
देहरादून। लोकसभा चुनाव में लगातार सभी पांच सीटों पर जीत का परचम फहराने वाली भाजपा को विधानसभा के उपचुनाव में जनता ने जमीन पर औंधे मुंह पटक दिया। राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने पहली बार कोई उपचुनाव जीतकर करिश्मा कर दिया है।
वर्तमान में सात राज्यों की जिन 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे उनमें उत्तराखंड की भी दो सीटें मंगलौर और बद्रीनाथ शामिल थी। आमतौर पर यही कहा जाता है कि उपचुनाव में हमेशा सत्तारूढ़ पार्टी की ही जीत होती है, लेकिन उत्तराखंड में भाजपा की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस ने मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को करारा झटका दिया है।
खास बात यह है कि मंगलौर सीट जिस पर भाजपा कभी जीत दर्ज नहीं कर सकी है इस बार उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी गई थी। यही नहीं 10 जुलाई को यहां मतदान के दौरान मतदाताओं को वोट डालने से रोकने को लेकर बूथ कैप्चरिंग किये जाने तक के प्रयास किए गए तथा खूनी संघर्ष में कई लोगों के सर फूट गए। मगर इसके बावजूद भी अत्यंत ही संघर्षपूर्ण मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने बसपा के प्रत्याशी को 449 वोटो से हरा दिया तथा भाजपा प्रत्याशी भड़ाना तो तीसरे नंबर पर नजर आए।
बद्रीनाथ सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह भंडारी को कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता लखपत बुटोला ने भारी मतों के अंतर से हरा दिया। राजेंद्र भंडारी जो लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे और उनके इस्तीफे से ही यह सीट खाली हुई थी, भाजपा द्वारा उन्हें इस सीट से चुनाव मैदान में उतरा गया था। लेकिन दल—बदलू भंडारी और मौका परस्त भाजपा को बद्रीनाथ की जनता ने ऐसा सबक सिखाया कि भंडारी जीत के आसपास भी नहीं दिखे। बुटोला ने भंडारी को 5224 मतों से हराया है।
इस जीत पर करन माहरा ने कहा है कि बद्रीनाथ तो अभी झांकी है केदारनाथ अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि अवसर वादियों और दल बदलुओं को प्रदेश की जनता ने सबक सिखा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अभी नहीं संभली तो आने वाले समय में उसका और भी बुरा हाल होने वाला है।