नई दिल्ली। बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को सजा में छूट दे दी गई थी और उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस आदेश को गलत बताया है और उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से पलटते हुए सभी 11 दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने फरमान सुनाया है। यानि दोषियों को दो सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा। इस प्रकार बिलकिस बानो के सभी 11 दोषी फिर से जेल जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए एक बड़ी टिप्पणी करते हुए सरकारों को नसीहत भी दे डाली है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एक पीड़ित महिला को सम्मान और इंसाफ का अधिकार है। चाहे वह समाज के किसी वर्ग से आती हो। चाहे वह किसी धर्म को मानती हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की तकलीफ का अहसास सभी को होना चाहिए।
गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था और उसके परिवार के लोगों की हत्या की गई थी। जिसके बाद बिलकिस बानो के 11 दोषी इस पूरे कांड में जेल में सजा काट रहे थे। लेकिन 2022 में गुजरात सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11 दोषियों को छोड़ने के आदेश दे दिया। उनकी सजा माफ कर दी। गुजरात सरकार के इस आदेश पर देश में काफी चर्चा रही। जिसके बाद पीड़िता बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार के आदेश से आहत होकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां जस्टिस नागरत्ना, जस्टिस उज्ज्वल भूयान की पीठ ने पिछले साल अगस्त में 11 दिन तक सुनवाई की और इसके बाद पिछले साल ही 12 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।