16 माह की कानूनी लड़ाई के बाद संभाला पदभार
देहरादून। 16 महीने की कानूनी लड़ाई और आज 3 घंटे चले ड्रामे के बाद आईएफएस राजीव भरतरी ने वन विभाग के मुखिया का पदभार ग्रहण कर लिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शासन ने भरतरी की पद बहाली के आदेश जारी करने में देरी की, लेकिन दोपहर लगभग डेढ़ बजे उन्होने पद संभाल लिया है।
बता दें कि नवंबर 2021 में सरकार ने वन विभाग के एक सामान्य नोट पर भरतरी को पीसीसीएफ पद से हटा दिया था। उन्हें वाइल्ड लाइफ बोर्ड में भेज दिया गया था। भरतरी ने कहा था कि उन्हें राजनीतिक कारणों से पद से हटाया गया है, यह उनके आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। भरतरी ने कैट में इस फैसले को चुनौती दी थी, कैट ने भरतरी के पक्ष में फैसला सुनाया , लेकिन तब भी उनकी पद पर बहाली नहीं हुई। इसके बाद भरतरी हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट ने सरकार को मंगलवार 10 बजे तक भरतरी को पद का चार्ज देने के आदेश दिए थे।
पद संभालने के बाद भरतरी ने मीडिया से कहा कि ये मामला संवैधानिक अधिकारों का था, जिसके लिए उन्हें 16 महीने तक संघर्ष करना पड़ा। भरतरी ने कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज बहुत सेंसिटिव रेंज है। वहां जब हजारों पेड़ काटे जाने की खबरें आई तो ये पूरे वन महकमे के लिए काफी असहज करने वाला था। भरतरी से जब पूछ गया कि ये सब आपकी नाक के नीचे होता गया, भरतरी ने कहा कि मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया और इस पर उचित एक्शन लेने की हिम्मत दिखाई। भरतरी ने माना कि वन विभाग में अभी बहुत सुधार करने की जरूरत है।