आम आदमी पार्टी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिस तरह से अब तक आप नेताओं की सक्रियता देखी गई है उससे यह साफ हो गया है कि केजरीवाल और उनके सहयोगी नेता इसे लेकर किस हद तक गंभीर है। बीते कल केजरीवाल ने न सिर्फ कर्नल कोठियाल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया बल्कि उनके रोड शो में जिस तरह की भीड़ दिखाई दी थी वह आप की सक्रियता का प्रमाण है। भाजपा और काग्रेस भले ही अभी मुख्यमंत्री के चेहरे के नाम पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं कर पा रहे हो लेकिन आम आदमी पार्टी ने कर्नल कोठियाल को अपना सीएम का चेहरा घोषित कर अपने मजबूत इरादे जता दिए हैं। केजरीवाल के दौरों और उनके कार्यक्रमों को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेता भले ही ऐसी प्रतिक्रियाएं दे रहे हो कि इससे उन्हें कोई फर्क पढ़ने वाला नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने से दोनों ही दलों के नेताओं में थोड़ी सी बेचैनी तो है ही। वह जानते हैं कि यूकेडी और बसपा के निष्क्रिय होने से लेकर जो चुनावी लाभ अब तक उन्हें मिलता रहा है आने वाले चुनाव में नहीं मिल सकता है। भले ही राज्य में अभी ग्राउंड लेवल पर आप का कोई वैसा संगठनात्मक मजबूत आधार दिखाई न दे रहा हो लेकिन इस चुनाव में सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने वाली आम आदमी पार्टी ने राज्य के लोगों को जो पहली बार तीसरे विकल्प का अवसर मुहैया कराया है वह कोई भी गुल खिला सकता है। बीते दो दशकों में राज्य के लोग भाजपा और कांग्रेस की सरकारों का कामकाज और चाल चरित्र देखते आ रहे हैं राज्य में ऐसे मतदाताओं की संख्या भी कम नहीं है जिन्हें दोनों में से किसी पर विश्वास नहीं है न उनके काम से संतुष्ट है ऐसे में इन नाराज और असंतुष्ट मतदाताओ को आप ने नोटा का बटन दबाने की बजाए झाड़ू वाला बटन दबाने का मौका जरूर दे दिया है। नहीं ऐसा भी नहीं है कि आम आदमी पार्टी का अपना वोट बैंक नहीं है लोकसभा चुनाव में भी आप ने अच्छे वोट बटोरे थे। आप का प्रत्याशी एक सीट पर तीसरे स्थान पर भी रहा था। अगर भाजपा और कांग्रेस आम आदमी पार्टी को बहुत हल्के में ले रहे हैं तो यह उनकी एक बहुत बड़ी भूल भी साबित हो सकता है। राज्य गठन के बाद भाजपा और काग्रेस जो राज्य को कभी पर्यटन प्रदेश तो कभी ऊर्जा प्रदेश बनाने के दावे करते रहे हैं उन्होंने इन 20 सालों में प्रदेश को क्या कुछ बनाया है इसे सूबे की जनता अच्छे से जानती है अगर केजरीवाल राज्य को हिंदुओं की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात कर रहे हैं तो क्या बुरा है? वह इसे कितना पूरा करेंगे यह तो समय ही बताएगा लेकिन आप के पास कोई विजन तो है। भाजपा व कांग्रेस के पास तो अपना कोई विजन तक नहीं है। आप चाहे मुफ्त बिजली की बात करें या शिक्षा व रोजगार की उनकी बातों पर लोग इसलिए भी भरोसा कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने दिल्ली में बहुत कुछ करके दिखा दिया है।