सत्ता में बैठे लोगों ने युवाओं को छला
दून से लेकर हल्द्वानी, अल्मोड़ा तक प्रदर्शन
देहरादून। राज्य में हुए भर्ती घोटालों को लेकर राज्य की जनता में भारी आक्रोश है खासकर युवाओं में इसे लेकर भारी गुस्सा देखा जा रहा है और वह सड़कों पर उतर कर इस सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। राजधानी दून से लेकर हल्द्वानी और अल्मोड़ा तक छात्र और युवा सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के लोगों को पहले अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी और अब सत्ता में बैठे भ्रष्टाचारियों से एक और लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उनका कहना है कि क्या इसके लिए लोगों ने अलग राज्य की लड़ाई लड़ी थी? कि नेता और अधिकारी प्रदेश को लूट कर खा जाएं और आम जनता और युवाओं को अधिकारों से वंचित कर दिया जाए?
राज्य में यूकेएसएसएससी और विधानसभा में बैक डोर भर्तियों के खुलासे के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका कहना है कि अब तक की सरकारों ने राज्य के बेरोजगारों के साथ बहुत बड़ा धोखा और छल किया है। युवाओं को रोजगार देने और राज्य से पलायन रोकने के लिए जिन सरकारों को काम करना चाहिए था वह अपना पेट भरने में लगी रही। राज्य में युवाओं के साथ इससे बड़ा धोखा और क्या हो सकता है? कि वह कई कई साल तक मेहनत करते रहे और यह उम्मीद लगाए बैठे रहे कि कभी न कभी तो उन्हें सरकारी नौकरी मिल ही जाएगी लेकिन अब पता चल रहा है कि राज्य में नौकरियों को बेचा जा रहा हैं या फिर नेता और अधिकारी अपने नाते रिश्तेदारों और घर वालों को नौकरियां देने में लगे हुए हैं जो उसके काबिल भी नहीं है। इन आंदोलनकारी छात्रों और युवाओं का कहना है कि वह भी उसी उत्तराखंड के वासी हैं जिसके लोगों ने अलग राज्य के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इन नेताओं को वह कभी माफ नहीं करेंगे जिन्होंने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
अल्मोड़ा में आज हुए छात्रों के प्रदर्शन के दौरान उन्होंने ऐलान किया है कि उनका यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक अवैध तरीके से की गई सभी भर्तियों को रद्द नहीं किया जाता है। उनका कहना है कि बीते 10—15 सालों में जिन छात्रों की उम्र सीमा नौकरी पाने से अधिक हो चुकी है उनका तो पूरा जीवन ही चौपट हो गया क्या कोई सरकार अब उनके लिए कुछ कर सकती है। इन युवाओं का कहना है कि चाहे सरकार भर्तियों को रद्द कर दे या दोषियों को जेल भेज दें इससे राज्य के युवाओं और बेरोजगारों का क्या भला हो सकता है उनका कहना है कि सरकार व भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।