हाईकोर्ट कल सुनाएगा फैसला गिरफ्तारी होगी या नहीं
आय से अधिक संपत्ति कमाने के आरोपों में फंसे हैं यादव
देहरादून। आखिरकार आईएएस अधिकारी रामविलास यादव आ ही गए विजिलेंस के शिकंजे में, उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाती है या नहीं यह तो हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है लेकिन अदालत के सख्त रुख के बाद आज वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए विजिलेंस दफ्तर पहुंच गए हैं।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी रामविलास यादव जो वर्तमान में कृषि विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात हैं और उन्हें कई बार विजिलेंस द्वारा बुलाया जा चुका था लेकिन वह कभी भी विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए। विजिलेंस द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने और अभी हाल में ईडी द्वारा उनके कई ठिकानों पर छापेमारी किए जाने के बाद उनके ऊपर कानून का शिकंजा कसा जा चुका है। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट में जो प्रार्थना पत्र दिया गया था उस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से मना कर दिया गया और उन्हें विजिलेंस के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। इसलिए अब उनके पास बिजिलेंस के पास जाने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा था।
आज दोपहर वह अपनी निजी कार से विजिलेंस कार्यालय पहुंचे और अपना पक्ष विजिलेंस के सामने रखा। उनके जवाब से विजिलेंस अधिकारी और कोर्ट कितना सहमत हो पाते हैं, उन्हें कहीं से कोई राहत मिल पाती है या नहीं यह तो कल 23 जून को कोर्ट में सुनवाई के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन इतना तय है कि 30 जून को रिटायर होने वाले आईएएस अधिकारी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उन पर आय से अधिक (500 करोड़) की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यह संपत्ति उनके पास कहां से आई अब इसका पूरा हिसाब उन्हें देना ही होगा। उनके वकील अभिनव शर्मा का कहना है कि यादव विजिलेंस जांच में सहयोग के लिए तैयार है। यहंा यह भी उल्लेखनीय है कि अभी चंद रोज पूर्व ही ईडी द्वारा उनके लखनऊ, देहरादून गाजियाबाद व फैजाबाद की सम्पत्तियों में छापे मारे गए थे। जिसमें दून में उनकी अन्य कई करोड़ की संपत्तियों का खुलासा हुआ था। यादव अभी भी उत्तराखंड में अपर सचिव कृषि के पद पर तैनात हैं और वह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं लेकिन फिलहाल कुछ दिनों से वह छुटृी पर चल रहे है।