आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा के जगनेर थाना क्षेत्र स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों की आत्महत्या और मिसे सूसाइड नोट के बाद यह आश्रम सवालों के घेरे में आ गया है। इस आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों एकता (37) और शिखा (34) ने शुक्रवार देर रात आश्रम के कमरे में फंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके सुसाइड नोट ने आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत चार लोगों का कच्चा-चिट्ठा खोल दिया है। बहनों ने आश्रम में पनपे इस आपराधिक रेकेट द्वारा रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों में संलग्न होने का खुलासा किया है। सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को संबोधित करते हुए लिखा कि आरोपियों को आसाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी, जबकि एकता नितिन पेज का सुसाइड नोट लिखा। शिखा ने लिखा कि दोनों बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार है। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया। इसमें लिखा कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था। सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। पंद्रह साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की। सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। ये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। इसके साथ ही 18 लाख रुपये उसी व्यक्ति ने हड़प लिए।
एकता ने लिखा है कि योगी जी इनको आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए। इन लोगों ने बहुतों के साथ गलत किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए।