प्रसिद्ध मन्दिरों की घंटियां चोरी करने वाले गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार

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पौड़ी। प्रसिद्ध मन्दिरों की घंटियंा चोरी करने के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से 1.5 लाख रूपये कीमत की 44 घंटियंा भी बरामद की गयी है।
जानकारी के अनुसार बीते 13 अगस्त को नीलम रावत निवासी सल्ट, धूमाकोट द्वारा थाना धुमाकोट पर एक शिकायती पत्र देकर बताया गया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धुमाकोट क्षेत्र के प्रसिद्ध सल्ट महादेव मन्दिर परिसर में लगी घण्टियां कुछ दिन पूर्व चोरी कर दी हैं। वहीं 15 अगस्त को कमलेश प्रसाद अध्यक्ष डांड़ा नागराजा मन्दिर समिति द्वारा राजस्व पुलिस चौकी कंडवालस्यूं—2 में एक शिकायती पत्र दिया गया कि पौड़ी के प्रसिद्ध डांड़ा नागराजा मन्दिर में लगी घण्टियों को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया है। जिसके बाद उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार राजस्व पुलिस चौकी कंडवालस्यूं—2 में दर्ज मुकदमें को थाना सतपुली को स्थानान्तरित किया गया। जिले के मन्दिरों में हो रही लगातार घंटी चोरी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारियों द्वारा पुलिस टीमों का गठन किया गया। जिनके अथक प्रयासों के बाद बीती शाम पुलिस को सूचना मिली कि हरियाणा नम्बर का एक संदिग्ध वाहन धूमाकोट क्षेत्र से दुगड्डा कोटद्वार की तरफ आ रहा है इस सूचना पर सीआईयू पौडी, थाना थलीसैण व थाना धूमाकोट की संयुक्त टीम द्वारा दुगड्डा के पास उक्त वाहन को रोका गया। इस वाहन में तीन व्यक्ति सवार थे। तीनों से पूछताछ करने पर वाहन चालक ने अपना नाम नीरज कौशिक पुत्र मुकेश कौशिक निवासी ग्राम कुलताना थाना—सापला जनपद रोहतक हरियाणा तथा वाहन में बैठे दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम विपिन कोहली पुत्र वलवन्त कोहली निवासी ग्राम ढोण्ड़, थाना थ्ौलीसैण जनपद पौडी गढवाल व तीसरे ने अपना नाम मूल चन्द पाल पुत्र राम खिलावन निवासी नत्थू जल्ली, थाना डेहरापुर,जनपद कानपुर उत्तर प्रदेश बताया। वाहन चेक किया गया तो वाहन में काफी संख्या में मन्दिर की घण्टियां, कटर, ब्लेड व प्लास बरामद हुये। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर तीनों द्वारा डांड़ा नागराजा व सल्ट महादेव मन्दिर से घण्टियां चोरी करना स्वीकार किया। साथ ही बताया कि विपिन कोहली जो कि मूल रूप से थलीसैण का रहने वाला है व जिसे आस—पास के मन्दिरों की अच्छी जानकारी है। विपिन द्वारा अपने साथियों नीरज कौशिक व मूल चन्द पाल को बाहर से बुलाया जाता है व मन्दिरों की रेकी करने के बाद रात्रि में कटर, ब्लेड व प्लास की सहायता से घण्टियों को चोरी करके जंगलों में इकट्ठा किया जाता है फिर इन घण्टियों को दिल्ली गाजियाबाद आदि स्थानों पर बेचने का कार्य किया जाता है। आज भी इनके द्वारा घण्टियों को दिल्ली गाजियाबाद बेचने के लिये ले जाया जा रहा था। पूर्व में भी इनके द्वारा गांवों के मन्दिरों में चोरी करना स्वीकार किया गया। बहरहाल पुलिस ने उन्हे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

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