टिहरी बांध की सुरक्षा को लेकर हो रहा था विरोध
पर्यटन विभाग की जमीन पर बनी थी अस्थाई मस्जिद
देहरादून। स्थानीय लोगों के विरोध और हंगामे के बाद आखिरकार टिहरी प्रशासन द्वारा टिहरी झील के किनारे बनाई गई अवैध मस्जिद को हटा दिया गया।
टिहरी झील के किनारे खाडखाला में बनी इस अवैध मस्जिद को हटाने को लेकर स्थानीय लोगों ने मांग की थी। उनका कहना था कि यह टिहरी झील की सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा है। इस पर पर्यटन विभाग द्वारा 15 दिन का समय मांगा गया था। जांच में पर्यटन विभाग ने पाया कि मस्जिद 30 साल पहले पर्यटन विभाग की जमीन पर बनाई गई थी। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने जब 15 दिन में इसे हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की तो 25 सितंबर को स्थानीय लोगों तथा हिंदू संगठनों ने इसे खुद हटाने का प्रयास किया।
इसे लेकर टिहरी झील किनारे से मस्जिद हटाओ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। जिसके बाद हरकत में आए जिला प्रशासन द्वारा मस्जिद प्रबंध समिति के अध्यक्ष और अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान से वार्ता कर आज टीन शेड में बनी इस अस्थाई और अवैध मस्जिद को हटा दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 साल पूर्व टिहरी झील के निर्माण के समय मजदूरों के नमाज पढ़ने के लिए दोबाटा में अस्थाई मस्जिद बनाई गई थी जो 2006 में झील में डूब गया। उसके बाद खाडखाला अस्थाई मस्जिद बनाई गई थी। तब से यह मस्जिद और स्थाई रूप से टीनशेड में बनी हुई थी। जिसे हटाने की मांग लंबे समय से स्थानीय लोग कर रहे थे। लोगों का कहना था कि टिहरी झील किनारे बनी यह अवैध मस्जिद जिसमें समुदाय विशेष के लोगों का आना—जाना बना रहता था। टिहरी बांध की सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा खतरा बताया रहा था। मस्जिद के साथ बने तीन अन्य अवैध निर्माणों को हटाया गया है। हालांकि अभी यह मामला अल्पसंख्यक बोर्ड में चल रहा है लेकिन जिला प्रशासन व प्रबंध समिति की सहमति से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए इस अवैध निर्माण को हटाया गया है।