नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिना लाइसेंस वाले हथियारों को एक बड़ी समस्या बताया और कहा कि सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना लाइसेंस वाले हथियारों पर हर हाल में अंकुश लगना चाहिए। दरअसल, अलग-अलग राज्यों में क्राइम के बढ़ते मामलों के साथ ही अवैध हथियारों को लेकर मिली प्रतिक्रियाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट का ये बयान सामने आया है। इससे पहले 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बिना लाइसेंस वाले हथियारों से जुड़े क्राइम के बारे में पता लगाने और इससे जुड़े खतरे से निपटने के लिए पुलिस और संबंधित प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम को लेकर नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ये भी बताए कि उन्होंने बिना लाइसेंस हथियार रखने वालों पर कितने मुकदमे दर्ज किए हैं। राज्य सरकार के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में हर राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी अलग से जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके साथ ही केंद्र सरकार को बताने को कहा था कि आर्म्स एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए किस तरह के कदम उठाने की जरूरत है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। दरअसल, यह अवैध हथियारों का मुद्दा उस वक्त उठाया गया, जब 2017 में बागपत के रहने वाले राजेंद्र कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में हुई इस हत्या में अवैध हथियार के इस्तेमाल का आरोप था। याचिकाकर्ता की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस के एम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने अवैध हथियारों के चलन पर संज्ञान लिया था।