विधानसभा सचिव भी किए गए सस्पेंड
देहरादून। विधानसभा में बैक डोर भर्तियों पर गठित एक्सपर्ट कमेटी की जांच रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बड़ा सख्त निर्णय लेते हुए 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी 228 नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है तथा विधानसभा सचिव को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा अध्यक्ष को कल ही जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपी गई थी और आज सुबह वह विधानसभा पहुंची और पत्रकार वार्ता में इस आशय की जानकारी उनके द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि जांच समिति द्वारा राज्य में हुई सभी भर्तियों की जांच की गई थी उन्होंने कहा कि 2011 से पूर्व की गई सभी भर्तियां बहाल रहेगी जबकि 2016 के बाद हुई सभी नियुक्तियों को उन्होंने नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि इन भर्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया। इनमें कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई 156 और भाजपा के पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रेमचंद अग्रवाल के समय में हुई 72 भर्तियां शामिल है।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इन सभी 228 नियुक्तियों को निरस्त करने और विधानसभा सचिव को सस्पेंड करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। पत्रकारों से वार्ता के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से पूर्व हुुई नियुक्तियों की भी जांच की गई है। उनका निरीक्षण किया जाएगा उन्हें कहां की इन नियुक्तियों का शासन से अनुमोदन लिया गया था। उन्होंने बताया कि 2016 में हुई 150 और 2016 में हुई 6 तथा 2021 में हुई 72 तदर्थ भर्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया है इन सभी नियुक्तियों के लिए न तो कोई विज्ञप्ति जारी की गई और न कोई परीक्षा ली गई। उन्होंने कहा कि कुल 228 भर्तियों को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा सचिव की भूमिका भी इन नियुक्तियों को लेकर संदिग्ध रही हैं इसकी जांच की जाएगी। जांच होने तक विधानसभा सचिव मुकेश सिंगल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है। उन्होंने कहा कि वह अभी तत्काल इन नियुक्तियों को रद्द करने और विधानसभा सचिव को सस्पेंड करने का प्रस्ताव शासन को भेज रही है।
पारदर्शिता की प्रतिबद्धता का प्रतीक है फैसलाः धामी
देहरादून। विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा लिए गए फैसले की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उनके द्वारा विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया गया था कि न्याय संगत फैसला करें। उन्होंने वैसा ही किया है उनका कहना था कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सरकार की पारदर्शिता के प्रति जो प्रतिबद्धता है उसका प्रतीक है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के उचित मापदंड तैयार करने में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा
निरस्तीकरण का फैसला अधूरा, जांच भी अधूरीः हरीश
देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विधानसभा की बैकडोर भर्तीयों पर लिए गयेे फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा है कि यह निरस्तीकरण अधूरा है और यह जांच भी अधूरी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद्र अग्रवाल की नियुक्तियों पर ही टारगेट किया गया है। उनका कहना है कि कार्यवाही निरस्तीकरण की ही क्यों रखी गई है अगर कुछ गलत हुआ है तो गलत करने वालों पर भी तो कुछ कार्रवाई की जानी चाहिए इसलिए यह निरस्तीकरण का फैसला और जांच दोनों अधूरी हैं।
विधानसभा अध्यक्ष को घेरा और नारेबाजी की
देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों पर आज जैसे ही अपना फैसला सुनाया गया और इसकी खबर सार्वजनिक हुई। इस बैक डोर भर्ती के जरिए नौकरी पाने वाले कर्मचारियों में आक्रोश देखा गया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का घेराव किया और उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। लेकिन विधानसभा में पहले से तैनात भारी पुलिस बल द्वारा इन्हें विधानसभा से बाहर कर दिया गया और ऋतु खंडूरी को सुरक्षा घेरे में बाहर निकाला गया।