जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र में बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने आर्टिकल 370 को बहाल करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद बहुमत से पारित कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को हंगामे के बीच यह प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने की मांग की गई है। चौधरी द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया, “यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।”
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने यह प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के नेता बीजेपी के सुनील शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह नियमों के खिलाफ है और सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं है। इससे सदन में हंगामा मच गया और बीजेपी विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध किया। जबकि कांग्रेस को छोड़कर सभी अन्य सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर इसका समर्थन किया। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख तारिक कर्रा और नेता पीरजादा मोहम्मद सईद चुप रहे।