भर्ती घोटालों पर चौतरफा हंगामा
ऋषिकेश में अग्रवाल के आवास पर प्रदर्शन
श्रीनगर गढ़वाल में छात्रों का सरकार के खिलाफ आक्रोश
देहरादून। उत्तराखंड में भर्ती घोटालों पर अब चौतरफा हंगामा बरपा हुआ है। कांग्रेस ने आज विधानसभा सहित तमाम अलग—अलग शहरों और स्थानों पर सीबीआई जांच और पूर्व स्पीकर प्रेमचंद्र अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। वही श्रीनगर गढ़वाल में छात्रों ने सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला तथा ऋषिकेश स्थित अग्रवाल के आवास पर भी युवाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। वही रुद्रप्रयाग में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मोहित डिमरी की हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में आज बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता व विधायकों ने विधान सभा के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान करन माहरा ने कहा कि भाजपा नेताओं ने निर्लज्जता की हदें पार कर दी है और वह अनुचित तरीके से भाजपा व संघ के नेताओं के बच्चों को नौकरियां दिए जाने को अपना संवैधानिक विशेषाधिकार बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अव्वल तो संविधान किसी स्पीकर को ऐसा विशेषाधिकार देता नहीं है लेकिन अगर यह उनका विशेषाधिकार भी था तो वह धृतराष्ट्र बनने के लिए नहीं था, जनता के कल्याण के लिए होता है विशेषाधिकार। उन्होंने जिस तरह तमाम भाजपा नेताओं के बच्चों को नौकरियां दी वह कैसा विशेषाधिकार है उन्होंने कहा कि स्पीकर रहते हुए पहले 72 सगे संबंधियों को नौकरी दी और फिर 5 साल बाद वित्त मंत्री बनने पर उनके वेतन के लिए वित्तीय स्वीकृति दे दी गई। उन्होंने कहा कि यह प्रेमचंद अग्रवाल और उन भाजपा नेताओं का जिनके बच्चों व सगे संबंधियों को नौकरी मिली उनका सोचा समझा षड्यंत्र है।
पत्रकारों द्वारा जब कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई भर्तियों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम कब कह रहे हैं कि उनकी जांच मत करो। उन्होंने कहा कि उनकी भी सीबीआई जांच कराओ और जो दोषी है उन्हें जेल भेज दो। उन्होंने कहा कि सत्ता में होने के कारण भाजपा के पास यह विशेषाधिकार है सभी की सीबीआई जांच कराए। कांग्रेस के इस धरना प्रदर्शन केे समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत भी पहुंचे तथा इस दौरान विधायक राजेंद्र भंडारी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल तथा सूर्यकांत धस्माना सहित तमाम लोग मौजूद थे। उनका कहना है कि प्रेमचंद अग्रवाल ही नहीं रेखा आर्य सहित अन्य उन तमाम नेताओं को जिनके बच्चों व रिश्तेदारोंं की नौकरियां लगी उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। तथा सभी भर्तियों को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि इससे पूरे देश में उत्तराखंड की छवि खराब हुई है।