सरकार की लापरवाही पर भड़के लोग

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समय पर जागे होते तो बच जाते लोगों के घर
विष्णुगाड परियोजना ही समस्या की जड़

जोशीमठ। जोशीमठ के अस्तित्व पर आए खतरे को लेकर आज भले ही शासन—प्रशासन चुस्ती फुर्ती दिखा रहा हो लेकिन आज सीएम के दौरे के दौरान लोगों ने इस बात पर नाराजगी भी जताई कि सालों से वह इस खतरे को लेकर आगाह कर रहे थे लेकिन शासन—प्रशासन में बैठे नेताओं व अधिकारियों ने कभी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया और अब जब स्थिति बेकाबू हो गई है तो विशेषज्ञों की टीमें भेजी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या के लिए पूरी तरह से एनटीपीसी की विष्णुगॉड विघुत परियोजना ही जिम्मेदार है और जब तक इस परियोजना को पूर्णतया बंद नहीं किया जाएगा तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती का कहना है कि 2021 में इस परियोजना के कारण 14 परिवार के घरों में दरारे आ गई थी और उनके बेघर हो जाने पर तहसील परिसर में पुनर्वास की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया था मगर तब से लेकर अब तक इस समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया उधर बद्री केदार मंदिर समिति के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद का कहना है कि इस समस्या की जड़ में एनटीपीसी की विघुत परियोजना ही है लेकिन इस परियोजना के बारे में स्थानीय लोगों की कोई बात कभी नहीं सुनी गई अब जब संकट इतना बड़ा हो गया है कि पूरे जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में आ गया है तब नेता भी आ रहे हैं और अधिकारी भी डेरा डाले हुए हैं विशेषज्ञ भी आ रहे हैं उन्होंने कहा कि अब समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि इसका उपचार संभव नहीं है तथा यहां कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है अगर शासन—प्रशासन समय पर जागा होता तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती।

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