पहाड़ पर जारी है जान बचाने की जंग

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एक्शन में सीएम धामी, पीड़ितों के पोछें आंसू
बचाव और राहत कार्य जारी, कई शव बरामद

देहरादून। बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि ने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए हैं। राज्य के कुमाऊं मंडल में इस आसमानी आपदा से सर्वाधिक नुकसान हुआ। आपदा में अब तक 72 लोगों की जान जा चुकी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बचाव व राहत कार्य चलाया जा रहा है। रूफनी ग्लेशियर में फंसे टै्रकर दल जिसमें 21 लोग थे, 5 विदेशी पर्यटकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी अभी तीसरे दिन भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं तथा पीड़ित परिवारों के आंसू पौछने में जुटे हुए हैं।

मुख्यमंत्री आज चमोली के डूंगरी गांव पहुंचे जहां लापता दो लोगों के शव अभी तक नहीं मिल सके हैं। पेयजल लाइन ठीक करने गए इन दो लापता लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें भरोसा दिया कि वह लापता लोगों का पता लगाएंगे। कई किलोमीटर पैदल चलकर डूंगरी गांव पहुंचे सीएम ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लोगों से रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली। यहां से मुख्यमंत्री गोपेश्वर पहुंचे और आपदा से प्रभावित लोगों के बारे में जानकारी ली।
भले ही अब मौसम साफ हो गया हो लेकिन राज्य भर में इस आपदा के निशान देखे जा सकते हैं कुमाऊं मंडल और जिला नैनीताल में इस आपदा से सर्वाधिक नुकसान हुआ है। मुख्य हाइवे चार दिनों से बंद है क्षेत्र की तमाम सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है जिसका अब जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। पिथौरागढ़ का धारचूला राजमार्ग काली नदी के तेज बहाव के कारण कई किलोमीटर बह गया है। जिससे मुख्यालय से चाइना व नेपाल का संपर्क टूट गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह मार्ग अति महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि पिथौरागढ़ ज्योतिर्लिंग मार्ग में फंसे लोगों में से सात के शव बरामद हो चुके हैं तथा बाकी लोगों को सुरक्षित धारचुला ले आया गया है। उधर उत्तरकाशी के हर्षिल में फंसे 11 ट्रैकर में से आठ के शव बरामद कर लिए गए हैं तथा 2 लोगों को रेस्क्यू कर जीवित निकाला जा चुका है जबकि 1 अभी भी लापता है जिसकी तलाश जारी है। उधर चंपावत में अब तक 11 लोगों की मौत इस आपदा से हो चुकी है तथा 4 लोग जो घायल हैं उनका इलाज चल रहा है। कोटद्वार से प्राप्त समाचार के अनुसार चौबट्टा खाल रोड भूस्खलन के कारण बंद हो गया है और उसका मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है।
इस आसमानी आफत से अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है तथा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तथा सेना के जवान और हेलीकॉप्टर आज भी लापता लोगों की तलाश तथा इधर उधर फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में जुटे हुए हैं। पहाड़ पर जान बचाने की यह जंग आपदा के बाद आज तीसरे दिन भी जारी है तथा आगे अभी कई दिन जारी रहेगी।

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