देहरादून। हिमालय—गंगा—जल जीवन बचाओ अभियान एवं वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता विधायक किशोर उपाध्याय ने मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड सरकार को उत्तराखंड आंदोलन की भावना के अनुरूप भू कानून हेतु सम सामयिक कदम उठाने हेतु जन भावना की रक्षा का कार्य बताया है। इस कदम से भूमि की रक्षा तो होगी ही जल, जंगल और जमीन के मुद्दों का समाधान भी होगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड छोटा राज्य हो सकता है, लेकिन वैश्विक मानवीय सरोकारों की रक्षा में उत्तराखण्ड का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। भारत के 63: जल की आपूर्ति अकेला उत्तराखण्ड करता है। हिमालय और हिमालयी नदियों को बचाने में यह निर्णय एक मील का पत्थर साबित होगा।