माणा अंतिम नहीं प्रथम गांव: धामी

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उत्तराखंड सदैव समर्थन को रहेगा तत्पर, पीएम के उत्तराखंड प्रेम के लिए हम आभारी

माणा गांव। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज माणा गांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही लोग माणा गांव के सीमा को अंतिम गांव कहते हो लेकिन माणा गांव अंतिम नहीं पहला गांव है। उनके इस विचार पर जहां जनसभा में मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर उनका समर्थन किया वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर मुहर लगाते हुए कहा कि मैं भी अब तमाम सीमावर्ती गांव को अंतिम नहीं प्रथम गांव मानूंगा तो खूब तालियां बजी।
उत्तराखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे के दौरान माणा गांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिस तरह भारत को 21वीं सदी में विश्व गुरु बनाने और एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने का काम किया जा रहा है उसकी कोई मिसाल नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी धर्म संस्कृति और धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण का असाधारण काम किया जा रहा है। आज भारत का नव निर्माण हो रहा है उन्होंने कहा कि इस नवनिर्माण का ही नतीजा है कि जहां चार धाम यात्रा के लिए 5 लाख लोग आते थे वह संख्या अब 45 लाख तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि 5 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाला समय में केदारनाथ की यात्रा को सुगम बनाने का काम किया जाएगा और आज इसका शुभारंभ केदारनाथ रोपवे के साथ शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा के बाद केदार पूरी एक बार फिर दिव्य व भव्य रूप ले रही है। रोपवे के निर्माण के बाद केदारधाम का सफर इतना आसान हो जाएगा कि 6 घंटे का सफर आधे घंटे में हो सकेगा। यही नहीं सीनियर सिटीजन और दिव्यांग जनों का भी मंदिर तक पहुंचना संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम के साथ-साथ बद्रीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए काम चल रहा है वह राज्य को उत्कृष्ट राज्य बनाने की दिशा में बढ़ते कदम हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सिर्फ चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने का रिकॉर्ड ही नहीं बना है। कावड़ यात्रा में भी चार करोड़ यात्रियों के आने का नया रिकॉर्ड बना है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का विश्व भर में सम्मान बढ़ा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यूक्रेन रूस युद्ध के दौरान हमारे देश के नागरिक ही तिरंगा लेकर बाहर नहीं लौट रहे थे दूसरे देश के नागरिक भी तिरंगा लेकर बाहर लौट रहे थे। यह भारत का सम्मान है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनकी इस विकास यात्रा में उत्तराखंड हर आहुति के लिए सदैव उनके साथ खड़ा रहेगा उनके स्नेह के लिए हम उनके आभारी हैं।

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