देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो आज अपने कार्यकाल के सौ दिन पूरे कर रहे हैं उन्हें परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी का आभास बहुत पहले से हो चुका था। यही कारण है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह खुद उनके पास मिलने के लिए पहुंचे। वहीं कुछ दिनों बाद उन्हें यशपाल आर्य के पार्टी छोड़ने की चर्चाओं की जानकारी हुई तो वह सुबह बिना किसी पूर्व नियोजित कार्यक्रम के मॉर्निंग वॉक करते हुए उनके घर पहुंच गए थे। उस समय भी मीडिया ने कई सवाल उनसे पूछे थे लेकिन उन्होने इसे औपचारिक मुलाकात की बताकर डाल दिया था।
मुख्यमंत्री और अन्य कई भाजपा नेताओं ने उनका न सिर्फ मन टटोलने की कोशिश की बल्कि उन्हें मनाने का भरपूर प्रयास भी किया लेकिन उनका मान मनोव्वल भी कोई काम नहीं आ सका और अंततः आज आर्य अपने बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उल्लेखनीय है कि यशपाल आर्य विजय बहुगुणा के साथ भाजपा में जाने वाले नेताओं में शामिल नहीं थे उन्होंने बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी।
कांग्रेस भवन में हुई आतिशबाजी, कांग्रेसियों ने बांटी मिठाईया
नई दिल्ली/देहरादून। चुनाव से पूर्व दल बदल के क्रम में आज काबीना मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य की कांग्रेस में पुनः वापसी पर कांग्रेसियों ने जमकर आतिशबाजी की। कांग्रेसियों में इस खुशी और उत्साह के पीछे कई अहम कारण रहे।
आर्य की कांग्रेस में वापसी से कांग्रेस में भारी उत्साह है। लंबे समय बाद कांग्रेसियों में ऐसा उत्साह देखने को मिला है जब कांग्रेस भवन में आतिशबाजी हुई हो और मिठाइयां बांटी गई हो। दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहने व विधानसभा अध्यक्ष रहे यशपाल आर्य का सियासी सफर इतना लंबा है कि संगठन से लेकर पूरे राज्य में उनकी मजबूत पकड़ है। वह सिर्फ तराई ही नहीं बल्कि पहाड़ पर भी अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं उन्होने खुद आज कांग्रेस को एक पवित्र मंदिर बताया है दरअसल कांग्रेस में आज भी यशपाल आर्य के चाहने वालों की लंबी कतार है साथ ही दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापस आने पर दलित वर्ग के कार्यकर्ता खासतौर पर खुश हैं। जिसकी खुशी आज आतिशबाजी के रूप में देखी गई है। उत्तराखंड में 19 फीसदी दलित मतदाता है जब आर्य भाजपा में चले गए थे तो भाजपा को उनके आने से से 5 से 6 फीसदी दलित वोट शिफ्ट हो गया था जो अब फिर कांग्रेस में लौट आएगा।