हरीश रावत बोले हिंदू बाहुल्य राज्य में दलित सीएम देखने की इच्छा
नई दिल्ली। धामी सरकार के काबीना मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद एक बार फिर यह सवाल चर्चाओं के केंद्र में आ गया है कि क्या यशपाल आर्य कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा होंगे?
यह बात अलग है कि चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा से बचती रही कांग्रेस अब तक सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की बात करती रही है लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत जिन्होंने यशपाल आर्य के कांग्रेस में ज्वाइनिंग से पूर्व यह कहा था कि अगर किसी दलित चेहरे को सीएम बनाने की बात होती है तो वह अपनी मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी को छोड़ सकते हैं। आज यशपाल आर्य के पुनः कांग्रेस मेंं वापसी के बाद एक बार फिर यही सवाल हरीश रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने राजनीतिक जीवन में अपने हिंदू बाहुल्य राज्य में दलित को मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं।
हरीश रावत का कहना है कि यह एक कांग्रेसी होने के नाते उनकी अपनी इच्छा और भावना है वह कहते हैं कि हमने कांग्रेस और गांधी से यही सीखा है उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो उन्हें खुशी होगी। साथ ही प्रदेश ही नहीं पूरे देश में एक सामाजिक समरसता का संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने पंजाब में भी ऐसा किया है।
आर्य और उनके बेटे के कांग्रेस में आने के बाद उनकी सीटों के बारे में भी चर्चा शुरू हो गई हैं कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे? चर्चा यह भी है कि यशपाल आर्य पार्टी हाईकमान से सभी मुद्दों पर स्पष्ट बातचीत के बाद ही कांग्रेस में पुनः आए हैं। अगर कांग्रेस 2022 के चुनाव में सत्ता में आती है तो यशपाल आर्य ही सूबे के सीएम होंगे। लोगों का कहना है कि भाजपा में रहते हुए तो वह कभी सीएम बन नहीं सकते थे। हो सकता है कि कांग्रेस में आने से उनका वह सपना साकार हो जाए।