नई दिल्ली। दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पद से बर्खास्त कर दिया है। जैस्मीन पर राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप था। एलजी ने इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी भी लिखी। केजरीवाल से जैस्मीन को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं और सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है। इसके अलावा एलजी ने जैस्मीन शाह के दफ्तर में तुरंत ताला लगाने का आदेश दिया है।
एलजी विनय सक्सेना ने दिल्ली सरकार को जैस्मीन शाह की सरकारी गाड़ी और स्टॉप को वापस बुलाने का आदेश दिया है। एलजी दफ्तर से आदेश मिलने के बाद एसडीएम सिविल लाइंस ने गुरुवार रात को ही डीडीडीसी कार्यालय परिसर को सील कर दिया था। बता दें कि जैस्मीन को 4 साल पहले दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था। केजरीवाल की कैबिनेट ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी। उन पर केजरीवाल सरकार के थिंक टैंक के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया गया था।
जैस्मीन शाह सरकारी पद पर रहते हुए भी टीवी चैनलों की डिबेट में हिस्सा लिया करते थे और आम आदमी पार्टी का पक्ष रखते थे। बीजेपी की ओर से इसको लेकर उपराज्यपाल से शिकायत की गई थी। जिसके बाद एलजी दफ्तर की ओर से उन्हें पहले चेतावनी भी दी गई थी। वहीं केजरीवाल की ओर से उनका बचाव किया गया था। अब जैस्मीन को पद से बर्खास्त करते हुए उनके दफ्तर में भी ताला जड़ दिया है। इस मामले में अब राजनीति भी देखने को मिल सकती है।
दिल्ली बीजेपी के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इस मामले में ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा कि बीजेपी सांसद साहिब सिंह वर्मा की शिकायत पर एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि एलजी ने डीडीसीडी के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह के दफ्तर को सील कर दिया गया है और मुख्यमंत्री केजरीवाल को जैस्मीन शाह को हटाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि जैस्मीन शाह पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है।