बचाव और राहत कार्य जारी, अल्मोड़ा में जरूरी सामान की कमी
देहरादून। आसमानी आफत का कहर भले ही थम चुका हो लेकिन सूबे में बर्बादी का मंजर अभी भी जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अभी लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी है। छितकुल की ट्रैकिंग पर 8 पर्यटकों सहित 11 लापता लोगों में से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि 9 लोग अभी भी लापता है। वही नैनीताल जिले के रामगढ़ के सुकना गांव में मलबे में दबे 9 लोगों में से 2 के शव आज बरामद कर लिए गए हैं जबकि 7 अन्य लोगों की तलाश अभी भी जारी है।
चमोली से प्राप्त समाचार के अनुसार बदरीनाथ राजमार्ग को खोला जा चुका है जिसके बाद बद्रीनाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं की आवाजाही फिर शुरू हो गई है। हालांकि हनुमान चट्टी के पास अभी भी बीआरओ की टीम सड़क से मलबा हटाने में जुटी हुई है। बीते तीन दिनों से यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं की वापसी होनी शुरू हो गई। चमोली में आज मौसम साफ है।
उधर अल्मोड़ा में आवाजाही बंद होने के आम उपभोत्तQा वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। यातायात बंद होने के कारण अल्मोड़ा में पेट्रोल तथा डीजल भी खत्म हो गया जिसके कारण लोगों को भारी मुश्किलें हो रही हैं। पहाड़ों पर हुई भारी बर्फबारी के कारण तापमान में भारी गिरावट आने से दो लोग परेशान हैं ही साथ ही अनेक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति और पेयजल आपूर्ति भी ठप होने से लोग परेशान हैं।
सरकार की ओर से अभी तक 64 लोगों के मरने की तथा 11 लोगों के लापता होने की खबरें हैं लेकिन जैसे जैसे हालात ठीक हो रहे हैं तथा मौसम साफ हो रहा है बर्बादी और मृतकों तथा प्रभावितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। तीन दिन में यह आंकड़ा 30 से 64 तक पहुंच चुका है जबकि बहुत सारे लोग अभी भी लापता हैं। बचाव व राहत कार्य जैसे—जैसे आगे बढ़ रहा है मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। कई क्षेत्रों में अभी भी बचाव राहत टीमों तथा अधिकारियों के न पहुंचने से लोगों में भारी नाराजगी भी है।