डीजीपी के हस्तक्षेप पर दरोगा को किया निलंबित
पुलिस की छवि खराब करने पर जताया अफसोस
रामनगर/देहरादून। उत्तराखंड की मित्र पुलिस अपने कारनामों से अपनी छवि को बटृा लगा रही है। जनपद नैनीताल के रामनगर में एक पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा निर्दाेष व्यवसाई से मारपीट किया जाना और उसे जेल भेज देने की घटना को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश है। वहीं इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक के हस्तक्षेप के बाद आरोपी दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार एक स्थानीय व्यवसाई ऋषि सचदेवा रामनगर थाने में अपनी कुछ समस्या को लेकर पहुंचे थे। वहां मौजूद उप निरीक्षक नीरज चौहान ने उनकी शिकायत सुनने या उसका समाधान करने की बजाय उन्हें लाठी से बुरी तरह पीटा और मिथ्या केस बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर हरकत में आई नैनीताल होटल एंड रिजॉर्ट एसोसिएशन ने जब इसका विरोध किया तो मामला पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के संज्ञान तक आया। उनके द्वारा मामले की पूरी जानकारी जुटाई गई तो पाया गया कि उपनिरीक्षक द्वारा बेवजह ही व्यवसाई से मारपीट की गई है। जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने एसएसपी नैनीताल को तत्काल प्रभाव से आरोपी नीरज चौहान को निलंबित करने के आदेश दिए जिसे निलंबित कर दिया गया है।
सवाल यह है कि उत्तराखंड की पुलिस जिसे मित्र पुलिस कहा जाता है क्या यही उसकी कार्यप्रणाली है दूसरा सवाल यह है कि अगर पुलिस महानिदेशक को ही सब कुछ करना है तो फिर राज्य पुलिस को एसएसपी की क्या जरूरत है। इस मामले में डीजीपी को हस्तक्षेप करना पड़ा खुद एसएसपी नैनीताल पंकज भटृ द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई या फिर उत्तराखंड की पुलिस इतनी निरंकुश हो चुकी है जो अधिकारियों की भी नहीं सुनती है। इससे पूर्व भी हरिद्वार के एक मामले में डीजीपी को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि इस मामले के संज्ञान में आने पर और नीरज चौहान को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने पुलिसकर्मियों द्वारा आम नागरिकों के साथ इस तरह बदसलूकी किए जाने पर अफसोस जताते हुए पुलिसकर्मियों को हिदायत भी दी है कि वह ऐसा कोई काम न करें जिससे पुलिस विभाग की छवि खराब हो। इस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है और वह पुलिस के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में है।
वहीं इसी प्रकार की एक घटना देहरादून में भी घटित हुई थी जब ईसी रोड के एक व्यापारी अपनी समस्या को लेकर कोतवाली डालनवाला गया था जहंा पर कोतवाल के द्वारा व्यापारी के साथ मारपीट व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था। जिसकी शिकायत जब एसएसपी देहरादून से की गयी तो उनके द्वारा मामले की जांच एसपी सिटी को सौंप कर डालनवाला कोतवाला को एसएसपी कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया था लेकिन बाद में उसे फिर डालनवाला कोतवाली का प्रभार सौंप दिया गया था।