सभी वाहनों में अनिवार्य होगी डस्टबिन
सभी प्रवेश चौकियों पर की जाएगी चेकिंग
उम्रदराजों को लाना होगा फिटनेस सर्टिफिकेट
देहरादून। उत्तराखंड का शासन प्रशासन इन दिनों आगामी माह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियों में जोर—शोर से जुटा हुआ है। पर्यटन और यात्रा से जुड़े तमाम विभागों द्वारा अपनी अपनी तैयारियों को लेकर नित नए—नए फैसले लिए जा रहे हैं ऐसा ही एक नया फैसला है देवभूमि आने वाले सभी यात्री और व्यवसायिक वाहनों के लिए। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब उत्तराखंड आने वाले वाहनों में डस्टबिन अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम का पालन न करने वाले वाहनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार द्वारा यह निर्णय कूड़े—कचरे के उचित निस्तारण व्यवस्था के तहत लिया गया है। हर साल यात्रा सीजन में आने वाले यात्री अपने साथ भारी मात्रा में प्लास्टिक की बोतलें व अन्य प्लास्टिक डिस्पोजल सामान तथा कैरी बैग आदि लाते हैं तथा इन कूड़े कचरे को वह सड़कों के किनारे कहीं भी फेंक देते हैं। लेकिन अब ऐसा करने वालों पर न सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि उनके वाहनों का चालान और सीज करने जैसी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। हर एक यात्री वाहन में अब डस्टबिन अनिवार्य कर दी गई है जिसमें जमा किए गए कूड़े को वह किसी भी शहर में बनाए गए कूड़ेदानों में ही फेक सकेंगे। इस व्यवस्था को चुस्त—दुरुस्त बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा सभी सीमावर्ती चौकियों पर चेकिंग की व्यवस्था की जाएगी। जिस गाड़ी में डस्टबिन नहीं होगा उसे देवभूमि में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
काबीना मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि सरकार द्वारा यात्रियों को बेहतर व्यवस्था देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्रदराज लोगों के लिए इस साल हर एक किलोमीटर पर मेडिकल कैंप की सुविधा के साथ उम्रदराज लोगों के लिए मेडिकल फिटनेस को भी जरूरी किया गया है। खास बात यह है कि 56 साल से ऊपर वाले सभी यात्रियों को वह मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट अपने गृह राज्य और गृह जनपद से ही लाने होंगे। उनका कहना है कि बीमारी की स्थिति में यात्रियों को एअरलिफ्ट करने की योजना भी शुरू की जा रही है। ऋषिकेश एम्स से इस सेवा का संचालन करने की योजना है। सड़कों की मरम्मत और डेंजर जोन में सुरक्षा इंतजामों को भी दुरुस्त बनाया जा रहा है।