शिमला। बिजली कंपनी का बकाया रूपये समय रहते नहीं दे पाने के कारण दिल्ली स्थिति हिमाचल भवन की नीलामी की जाएगी। यह आदेश हिमाचल हाईकोर्ट ने कांग्रेस सरकार को बिजली का बकाया न दे पाने के कारण दिये गये है।
बता दें कि लाहौल स्पीति की चेनाब नदी पर 400 मेगावाट का एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लगना था। लेकिन किन्हीं कारणों से यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर पाया। इसके बाद सेली हाइड्रो पावर इलेक्ट्रिक कंपनी ने अपफ्रंट मनी के तौर पर सरकार के पास जमा 64 करोड़ रुपए वापस देने की मांग की। जिसे सरकार ने मना कर दिया था। मामला आर्बिट्रेशन कोर्ट गया। जहां पर फैसला कंपनी के पक्ष में आया तो आर्बिट्रेशन कोर्ट ने हिमाचल सरकार को 64 करोड रुपए 7: ब्याज के साथ वापस लौटाने को कहा। इसके खिलाफ हिमाचल सरकार हाई कोर्ट गई लेकिन कोर्ट ने फैसला कंपनी के पक्ष में ही दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार को पैसा लौटाने के लिए पर्याप्त वक्त दिया। लेकिन हिमाचल सरकार के बिजली विभाग के अफसरों की ढिलाई की वजह से पैसा वक्त पर नहीं जमा किया गया। इसके बाद हाई कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए हिमाचल भवन की नीलामी का आदेश दे दिया गया।