हाईकोर्ट ने लगाई मशीनों से खनन पर रोक

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जिलाधिकारियों को दिए कार्यवाही के निर्देश
अलग—अलग रॉयल्टी दरों पर सचिव को नोटिस

नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा आज खनन से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य की सभी नदियों में मशीन से किए जाने वाले खनन पर रोक लगा दी गई है। वहीं राज्य के खनन सचिव को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि राज्य में खनन की रॉयल्टी दरों में भिन्नता क्यों है। इस मामले की सुनवाई के लिए अब 12 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई है।
हल्द्वानी के हल्दुचौड़ निवासी नमन पराशर द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य में अलग—अलग खनन रॉयल्टी दरों के होने का मुद्दा उठाया गया था तथा कहा गया था कि राज्य की नदियों में मशीनों से खनन की अनुमति न होने के बावजूद भी धड़ल्ले से फॉकलैंड और जेसीबी जैसी मशीनों से खनन हो रहा है। उन्होंने कहा था कि अलग—अलग रॉयल्टी दरों के कारण सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए आज मुख्य न्यायधीश विपिन संाधी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे द्वारा राज्य की नदियों में मशीनों से किए जा रहे खनन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। सभी जिलाधिकारियों को नोटिस भेजकर उन्हें मशीनों से खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं तथा मशीनों से खनन करते पकड़े जाने पर उन्हें सीज करने की कार्रवाई करने को कहा गया है। वही खनन सचिव को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि 12 जनवरी 2023 तक कोर्ट को बताएं कि राज्य में खनन रायल्टी की दरें अलग अलग क्यों है। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की वेबसाइट पर खनन रॉयल्टी दर प्रति क्विंटल 31 रूपये है। जबकि प्राइवेट खनन पर 12 रूपये प्रति कुंटल है। याचिका में कहां गया है कि अलग—अलग रॉयल्टी दरों के कारण सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 को होगी।

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