हरक न इधर के रहे न उधर के रहे

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समूची कांग्रेस उतरी हरक की वापसी के विरोध में
भाजपा के नेता कर रहे हैं निष्कासन का स्वागत

नई दिल्ली/देहरादून। कहा जाता है कि जब आदमी का वक्त खराब होता है तो ऊंट पर बैठे व्यक्ति को भी कुत्ता काट लेता है। कल अपनी हनक के चलते चर्चाओं में रहने वाले हरक सिंह भी इन दिनों समय के कुचक्र में कुछ ऐसे फंस गए हैं कि भाजपा से निष्कासन के बाद उनके पास कोई राजनीतिक ठिकाना तो रहा ही नहीं है उसके ऊपर से भाजपा और कांग्रेस के नेता ही नहीं सूबे की आम जनता भी उन्हें जी भर कर भला बुरा सुना रही है। केदारनाथ से लेकर डोईवाला तक कांग्रेस नेता उनकी कांग्रेस में वापसी का विरोध कर रहे हैं। कोई उनके चरित्र पर सवाल उठा रहा है तो कोई उन्हें भ्रष्टाचारी और लोकतंत्र का हत्यारा बताकर उनका विरोध कर रहा है। आलम यह है कि कुछ नेता तो उन्हें कांग्रेस में वापस लिए जाने पर प्राणों की आहुति दे देने की धमकी भी दे रहे हैं और तो और भाजपा जिसके लिए डॉ हरक सिंह ने कांग्रेस से बगावत की थी और जहां वह अपनी हर बात कल तक जोर—जबर्दस्ती से मनवा लेते थे उसके नेता भी उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने पर भाजपा हाईकमान का धन्यवाद कर रहे हैं।
किसी भी नेता के लिए यह स्थिति कितनी पीड़ा दायक हो सकती है इस बात का एहसास तो सिर्फ डॉ हरक सिंह को ही हो सकता है क्योंकि वह इस पीड़ा को झेल रहे हैं। लेकिन इस स्थिति के लिए कोई और नहीं खुद डॉक्टर हरक सिंह ही जिम्मेवार हैं। बीते दो दिन पूर्व भाजपा ने जिस तरह से उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया उसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। कांग्रेस जो उनके निष्कासन से पहले तक उन्हें कांग्रेस में लाने के लिए तैयार दिख रही थी, ने भी परिस्थितियों के बदलते ही पलटी मार ली। पहले सिर्फ हरीश उनका कांग्रेस में वापसी का विरोध कर रहे थे लेकिन अब विरोध करने वालों की फेहरिस्त केदारनाथ से डोईवाला तक लंबी हो चुकी है। डोईवाला क्षेत्र के कांग्रेसी नेता एसपी सिंह ने कांग्रेस हाईकमान को यहां तक चेतावनी दे डाली है कि अगर डॉ हरक सिंह जैसे नेता को कांग्रेस में दोबारा वापस लिया गया तो वह इसके विरोध में अपने प्राणों की आहुति दे देंगे। यही नहीं गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रदीप टम्टा तो पहले ही उनकी वापसी का विरोध कर चुके हैं अब केदारनाथ विधायक मनोज रावत और राजेंद्र भंडारी भी उनकी वापसी के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं। उनका कहना है कि लोकतंत्र के हत्यारे को अगर कांग्रेस में वापस लिया गया तो वह इसे कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यही नहीं रुद्रप्रयाग जिला कांग्रेस कमेटी ने तो इस आशय का एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस हाईकमान को भेज दिया है।
खास बात यह है कि डॉ हरक सिंह को कांग्रेस में वापस लेने का विरोध तो हो ही रहा है जिसके कारण 2 दिनों से हरक की वापसी नहीं हो सकी है वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेता पार्टी हाईकमान द्वारा की गई इस बर्खास्तगी और निष्कासन की कार्रवाई को लेकर खुशियां मना रहे हैं उनका कहना है कि भाजपा को यह सब बहुत पहले कर देना चाहिए था। महिला नेत्री आशा नौटियाल ने कहा है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा कर उचित कदम उठाया है वह इसी लायक थे। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पार्टी को जो करना था कर चुकी है। लेकिन इस सबके बीच डॉ हरक सिंह का अब क्या होगा? उनके लिए यह एक यक्ष प्रश्न है।

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