देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पुराने और जर्जर हो चुके पुलों को बदलने जा रही है। इन पुलों की जगह अब अधिक क्षमता वाले पुलों का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने सरकार के आदेशों के बाद प्रदेश में ऐसे कई पुराने पुल चिन्हित कर लिए हैं जिनकी हालत खस्ताहाल है। इनमें से अधिकांश पुल राज्य के पर्वतीय जिलों में बने हुए हैं।
बता दें कि बीते दिनों गुजरात में हुई झूला पुल टूटने की घटना के बाद उत्तराखण्ड सरकार भी चौकसी बरत रही है। सरकार राज्य मार्गों पर बने उन पुराने व जर्जर पुलों को बदलने जा रही है जो वाहनों के बढ़ते दबाव का लोड सहने योग्य नहीं है। बी श्रेणी के इन पुलों को चिन्हित करने के निर्देश प्रमुख सचिव आरके सुंधाशु द्वारा दिये जा चुके थे। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा ने निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर राज्य में पुराने पुलों की सूची तैयार कर ली गई है। जिसकी पुष्टि प्रमुख अभियंता लोनिवि अयाज अहमद द्वारा की गयी है। लोक निर्माण विभाग ने पुराने पुलों को चिन्हित तो कर लिया है, लेकिन इनमें से सबसे पहले कौन से पुलों को एक श्रेणी का बनाया जाएगा, इसे शासन तय करेगा। प्रमुख अभियंता के अनुसार इन सभी पुलों के प्रस्ताव शासन को भेज दिए जाएंगे। चर्चा है कि सबसे पहले उन पुलो को बदला जायेगा जो सबसे अधिक प्रयोग में लाए जा रहे हैं और जिन पर वाहनों की आवाजाही का अधिक दबाव है। इनमें यह भी देखा जायेगा कि कितने पुल सामरिक और पर्यटन व यात्रा के महत्व से जुड़े हैं।
बता दें कि पिछले कुछ समय पूर्व खतरे की आश्ंाका के चलते लक्ष्मण झूला पुल को भी आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। अब राज्य में कई पुलों के जर्जर हालत को देखकर इन्हे चिन्हित किया गया है। जिसके बाद इन पुलों को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा।