मेले हमारी लोक संस्कृति व सामाजिक सरोकार को बनाये रखने का आधार हैंः धामी

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  • सीएम ने किया 71वें राजकीय औघौगिक विकास गौचर मेले का उद्घाटन

चमोली। विश्व प्रसिद्ध सात दिवसीय 71वें राजकीय औघौगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुभाराम्भ करते हुए कहा कि मेले हमारी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकार को बनाएं रखने के आधार हैं।
आज से प्रारम्भ हो रहे विश्व प्रसिद्ध सात दिवसीय 71वें राजकीय औघौगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुभारम्भ किया गया। जनपद आगमन पर गौचर हवाई पटृी में मौजूद जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक चमोली, रेखा यादव (आईपीएस) द्वारा उनकी अगवाई की गयी। तत्पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा सैरिमोनियल ड्रेस से सजे चमोली पुलिस के जवानों का मान प्रणाम ग्रहण किया गया।
ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान पहुँचने के उपरान्त सर्वप्रथम मुख्यमंत्री द्वारा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पडित जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर याद किया गया। तदोपरान्त जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेला उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित करता है। मेले हमारी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकार को बनाए रखने के आधार हैं। हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिले लोकपर्व की इस परंपरा को अगली पीढ़ियों तक बढ़ाने की जरूरत है। सात दिवसीय गौचर मेले में उच्च स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ—साथ विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा। गौचर मेला अपने ऐतिहासिक व्यापार मेले के रूप में जाना जाता है। गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर माह नवंबर, 1943 में प्रथम बार गौचर में व्यापारिक मेले का आयोजन शुरू हुआ तथा बाद में धीरे—धीरे इसने औघोगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया। यह मेला संस्कृति, बाजार तथा उघोग तीनों के समन्वय के कारण उत्तराखंड व विश्व में प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय है।

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