सुस्वागतम नव वर्ष

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आज जब आप 2023 को अलविदा कह रहे हैं और नव वर्ष 2024 के स्वागत के लिए तत्पर है तब आपके मन में यह सवाल लाजिमी होगा कि बीता वर्ष आपके लिए कैसा रहा? आपने इस वर्ष क्या पाया और क्या कुछ खोया? क्या कुछ ऐसा रहा जो हो सकता था लेकिन हो नहीं सका। यह अच्छी बात है कि आप समय का बही खाता रखना चाहते हैं। समय का हिसाब किताब रखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि समय ही सृष्टा भी है और दृष्टा भी है। समय इतिहास का रचयिता भी है और सबका भाग्य विधाता भी समय ही है, समय की सर्वश्रेष्ठता को किसी भी सूरत ए हाल में नकारा नहीं जा सकता है। जो राष्ट्र समाज या मानव मात्र समय के अस्तित्व को नकारते हैं समय भी उन्हें नकार देता है। समय की महत्ता को समझने और समय का सकारात्मक उपयोग करने वालों को ही समय चिरंजीव बने रहने का अवसर देता है शेष सभी कुछ समय के साथ स्वतः ही नष्ट हो जाता है। समय के विलक्षण गुण को समझना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है आमतौर पर हम समय के बारे में उतना ही समझ पाते हैं जितना हमें हमारे बड़ों से सुनने या कहने से सीख पाते हैं। जैसे समय किसी का इंतजार नहीं करता या जो समय चला गया हुआ है लौटकर कभी नहीं आता और इसके अगर कुछ आगे तो बस इतना कि कल करे सो आज कर आज करे सो अब पल में परले होगी बहुरि करोगे कब। बस इससे आगे और ज्यादा कुछ बात लोग नहीं जानते या समझते हैं या फिर जानने की जरूरत भी नहीं समझते हैं। अक्सर आपने यह देखा और महसूस भी किया होगा कि हर साल जब भी नया साल आता है तो आप कुछ नए संकल्प और विकल्पों के साथ नए साल की शुरुआत करते हैं। इस साल आप क्या—क्या करना चाहते हैं। अपनी प्राथमिकताओं की सूची तैयार करते हैं और पहले ही दिन से अपने तय लक्ष्य और उद्देश्य के लिए काम करना भी शुरू कर देते हैं। कुछ दिन व कई बार कुछ महीनो तक आप लगातार काम भी करते हैं लेकिन काम पूरा होने से पहले ही कई कारण ऐसे भी उपस्थित हो जाते हैं जब आप और आपका काम दोनों ही रुक जाते हैं और वह काम आप कभी पूरा नहीं कर पाते हैं। सालों साल ही नहीं तमाम उम्र गुजर जाने पर भी इन अधूरे कार्यों को पूरा कर पाने का मौका समय आपको नहीं देता है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं जिन्हें आप तय समय से भी कम समय में सिर्फ पूरा ही नहीं कर चुके होते हैं बल्कि खुद आपको भी अपने आप पर गर्व होता है की आप इतना बेहतर कैसे कर पाए? लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप अपने संपूर्ण समर्पण भाव के साथ अपने संकल्प प्राप्ति के लक्ष्य में जुटे होते हैं और आपके पास अन्य कोई विकल्प नहीं होता है। काल के कपाल पर यदि आप अपने हस्ताक्षर करने की दृढ़ इच्छा शक्ति रखते हैं तो संपूर्ण सृष्टि आपके काम में आपकी सहायता के लिए तत्पर दिखाई देने लगेगी। तब आपकी इच्छा शक्ति ही ईश्वर की इच्छा शक्ति का रूप ले लेती है जब आपका उद्देश्य पवित्र और जनहित कारी हो तो। ऐसी स्थिति में आप जो भी चाहे कर गुजर सकते हैं। जो बीत चुका है वह व्यर्थ हो चुका है उसे पर हंसने या फिर रोने से अब कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है जो आने वाला है वह आपके सामने खड़ा है। अगर हिम्मत है तो उसे सामने से पकड़ लो और कर दो अपने हस्ताक्षर उस काल के कपाल पर जिसे तुम रोक नहीं सकते और जिसे तुम मोड नहीं सकते। भले ही तुम अपनी मुठ्ठियों को चाहे जितना भी भींच लेना लेकिन वह रेत की तरह आपके हाथ से फिसल ही जानी है क्योंकि वह समय है। समय परिवर्तन जिसका सापेक्षिक गुण है जो सब कुछ बदलने की क्षमता रखता है लेकिन खुद कभी नहीं बदलता। लोग जो कहते हैं कि कभी तो समय बदलेगा वह सब झूठ बोलते हैं। क्योंकि सिर्फ समय ही है जो कभी नहीं बदलता इस समय का स्वागत करो। नव वर्ष की मंगल कामनाओं सहित।

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