नए साल पर इसरो ने रचा इतिहास, एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह को किया सफलतापूर्वक लांच

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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह समेत कुल 11 उपग्रहों को लेकर जा रहे एक पीएसएलवी रॉकेट का सोमवार को यहां लांच किया गया। इसरो का पहला एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट ) एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। लॉन्चिंग के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती खत्म होने के बाद 44.4 मीटर लंबे रॉकेट ने चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर इस अंतरिक्ष तल से उड़ान भरी और इस दौरान बड़ी संख्या में यहां आए लोगों ने जोरदार ढंग से तालियां बजायीं। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर गया है जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। उसने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण है और इस संदर्भ में एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगा। इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल है। एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्रोतों के विकिरण तंत्र और ज्यामिति की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण नैदानिक ​​​​उपकरण के रूप में कार्य करता है।

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