अंकिता हत्याकांड जांच पर भले ही सरकार द्वारा एसआईटी गठित करते हुए आरापियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कही जा रही हो लेकिन इस हत्याकांड की जांच के शुरूआती दौर से ही सवाल उठने लगे है। अंकिता हत्याकांड में मुख्य क्राइम स्पाट वनंत्रा रिजार्ट को माना जा रहा है। जिसे पुलिस ने सील करने की बजाय खुला छोड़ दिया। इस दौरान यहंा बुल्डोजर चलाया गया, लोगों द्वारा हंगामा किया गया और तोड़ फोड़ की गयी। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इतना सब होने के बाद क्या वहंा जांच टीम को सही साक्ष्य मिले होगें। बुल्डोजर चलने के बाद जब अंकिता का कमरा ही तोड़ दिया गया तो जांच टीम कहंा से साक्ष्य जुटाने की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर जांच कर रही पुलिस टीम को अब तक न तो अंकिता का फोन ही मिला है और न ही मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का वह फोन जिसे वह अंकिता द्वारा नहर में फेंके जाने की बात कर रहा है। एसआईटी को इस हत्याकांड की जांच कई दिनों बाद मिली है लेकिन इससे पूर्व जब सम्बन्धित थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी तो क्या उसकी कोई जिम्मेदारी नही थी कि वनंत्रा रिजार्ट जहंा इस अपराध की शुरूआत हुई है उसे सील किया जा सके, ताकि वहंा लोग आवाजाही न कर सके। अब एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और एसआईटी का दावा है कि सभी साक्ष्य जुटा लिये गये है जो आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए काफी होगें। लेकिन आम आदमी के मन में अब यह सवाल उठने लगे है कि जब अंकिता का वह कमरा जहंा वह रह रही थी पर जब बुल्डोजर ही चला दिया गया तो तब क्या इस मामले की जांच को इतना सब हो जाने के बाद सही दिशा मिल सकेगी। वहीं दूसरी ओर मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण क्या एसआईटी उस वीआईपी के नाम का पता लगा सकेगी जो वंनत्रा रिजार्ट में आने वाला था। इन सब सवालों को देखते हुए अब आम जन इस हत्याकांड की जांच पर भी सवाल उठाने लगे है।