देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार क्षेत्रीय दल यूकेडी और आम आदमी पार्टी को तो घोर निराशा हाथ लगी ही है। क्योंकि इस चुनाव में उनका खाता तक नहीं खुल सका वहीं तमाम अन्य छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानते भी जप्त हो गई है लेकिन आधा दर्जन के करीब सीटों पर हार जीत का अंतर हजार से भी कम रहा है। जबकि दो सीटों पर यह जीत पांच सौ से भी कम मतांतर से हुई है।
अल्मोड़ा सीट पर हार जीत का अंतर इस बार सिर्फ 141 मतों का रहा। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मनोज तिवारी ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश शर्मा को 141 मतों से परास्त किया है। वही द्वाराहाट में भी कांग्रेसी प्रत्याशी मदन बिष्ट भाजपा प्रत्याशी अनिल शाही को सिर्फ 366 वोटों से ही हरा सके। द्वाराहाट और अल्मोड़ा की यह दो सीटें यूं कहिए कि बस किसी तरह कांग्रेस के खाते में चली गई अन्यथा कांग्रेश 19 से 17 पर ही सिमट जाती। वही मंगलोर सीट पर बसपा के शरवत करीम अंसारी महज 751 वोटों से जीत सके और उन्होंने कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को हराया। टिहरी से भाजपा प्रत्याशी किशोर उपाध्याय भी दिनेश धनै को मात्र 951 वोटों से हराकर विजय हासिल कर सके। श्रीनगर से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को काबीना मंत्री धनसिंह रावत सिर्फ 587 मतों से ही हरा सके और जैसे—तैसे जीत पाए। ऐसी विजयी प्रत्याशी जो एक हजार के करीब मतों से ही जीत सके उनकी तो इस बार भरमार रही है। यशपाल आर्य जैसे नेता इस बार सिर्फ 1611 मतों से जीत पाए वहीं सरकार में मंत्री रहे अरविंद पांडे 1120 मतों से ही जीत सके।