धामी सरकार में शपथ नहीं लेना चाहते थे महाराज, हरक व आर्य
देहरादून। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच आज पहली बार मीडिया के सामने पहुंचे रायपुर विधायक उमेश शर्मा ने कई बड़े खुलासे करते हुए कहा कि वह दिल्ली तथा कांग्रेस मुख्यालय कांग्रेस में शामिल होने के लिए नहीं गए थे बल्कि यशपाल आर्य को कांग्रेस में जाने से रोकने के लिए गए थे और उन्हें यह जिम्मेवारी भाजपा हाईकमान द्वारा सौंपी गई थी।
उमेश ने मीडिया को बताया कि यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में जाने की खबर पर उन्हें तथा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को दिल्ली बुलाया गया था वह रात के एक बजे दिल्ली गए थे। यशपाल आर्य से मेरे करीबी संबंध होने के कारण मुझे भाजपा नेताओं ने उनसे बात कराने की जिम्मेवारी सौंपी थी क्योंकि उनका फोन बंद आ रहा था।
उमेश ने बताया कि लेकिन जाम में फंसने के कारण वह समय रहते उन तक नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि मुझे किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं है क्योंकि मेरी पार्टी के सभी बड़े नेता जानते हैं कि मैं कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली नहीं गया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह भाजपा में ही रहेंगे कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस के नेता उनके बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं।
उमेश यहीं नहीं रुके उन्होंने भाजपा हाईकमान से अपनी नजदीकियों का सबूत देते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस से भाजपा में आए तीन बड़े नेता धामी सरकार में शपथ नहीं लेना चाहते थे जिनमें डॉ हरक सिंह व सतपाल महाराज और यशपाल आर्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि इन्हें शपथ ग्रहण के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी भी अमित शाह ने उन्हें ही सौंपी थी। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने दो चार बार नहीं 14 बार इन नेताओं से फोन पर बात की थी तथा उन्हें महत्वपूर्ण विभाग देने पर सहमति के बाद वह शपथ लेने को तैयार हुए थे। उमेश शर्मा काऊ ने अपने कांग्रेस में जाने की खबरों का भी खंडन किया।
उल्लेखनीय है कि उमेश शर्मा काऊ पहले भी इन पूर्व कांग्रेसी नेताओं के बारे में यह कह चुके हैं कि हमारा अपना एक ग्रुप है और हम सभी अपनी समस्याओं पर मिल बैठकर बातचीत करते हैं। यही अभी रायपुर क्षेत्र में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं और एक मंत्री के साथ ही उनकी तकरार के बाद वह दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं के सामने अपनी समस्या रखी थी। काऊ के इस खुलासे को पार्टी किस तरह से लेती है अलग बात है लेकिन इससे पार्टी की और उनकी मुसीबतें जरूर बढ़ सकती है।