तवांग में झड़प, उत्तराखंड में अलर्ट

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भीषण सर्दी में जवानों की गस्त जारी
तवांग में झड़प के बाद बढ़ाई चौकसी

देहरादून। तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद अब उत्तराखंड में इंडो चाइना बॉर्डर पर सेना को अलर्ट कर दिया गया है। ऊंचाई वाली बर्फीली चोटियों पर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है तथा लगातार गश्त जारी है।
उल्लेखनीय है कि 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ का प्रयास किया गया था। जिसे लेकर भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई थी हालांकि इन झड़पों में किसी भी भारतीय सैनिक के हताहत होने की बात सामने नहीं आई है लेकिन बीते साल लद्दाख में हुई हिंसक झड़प जिसमें बड़ी संख्या में चीनी व भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी तथा अब अरुणाचल में भी टकराव होने की स्थिति के मद्देनजर उत्तराखंड राज्य से लगने वाली चीन सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है। तथा एसएसबी और आईटीबीपी के जवान यह दिन रात गश्त कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के साथ चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा है जो भारत नेपाल और चीन की सीमा रेखा से लगती है। सीमावर्ती जनपद पिथौरागढ़ के गुंजी से लेकर लिपुलेख बॉर्डर तक तथा चमोली के माण और बड़होती बॉर्डर एरिया को काफी संवेदनशील माना जाता है वही उत्तरकाशी से भी चीन का बॉर्डर लगता है। लेकिन इस 10 हजार फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्र में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है और कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस भीषण सर्दी के बावजूद भी भारतीय सेना के जवान यहां मुस्तैदी से गस्त कर रहे हैं। एसएसबी और आईटीबीपी के जवानों द्वारा दिन और रात चौकसी बरती जा रही है। हालांकि क्षेत्र में दोनों देशों के बीच लंबा—चौड़ा नो मेंस लैंड है और पूर्व समय में कभी इस तरह की झड़पे नहीं देखी गई हैं लेकिन गर्मी के सीजन में इस नो मैंस लैंड में चीनी सैनिकों की चहलकदमी की खबरें चरवाहों द्वारा जरूर दी जाती रही है। फिलहाल भी क्षेत्र में किसी तरह की चीनी सैनिक गतिविधियां नहीं देखी गई हैं लेकिन चीन कब कहा घुसपैठ का प्रयास करेगा या कर सकता है उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता जिसके कारण एलओसी पर सैनिक बलों को अलर्ट पर रखा गया है।

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