देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस के एक जवान की हरकतों के कारण खाकी फिर शर्मसार हुई है। पुलिस के इस सिपाही को बंद पड़ी फैक्ट्री से लोहे का सामान चोरी करने के आरोप में उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया है। जबकि दो आरोपी फरार हैं।
आज लालतप्पड़ में एक बंद फैक्ट्री में हुई चोरी का खुलासा करते हुए डीआईजी/एसएसपी जनमेजय खण्डूरी ने पत्रकारों को बताया कि माजरी ग्रांट थाना डोईवाला निवासी चन्द्रभान सिंह पाल ने थाने में तहरीर दी थी कि लालतप्पड़ में बिरला पावर सेलियान्स (बिरला यामाहा) में चोरी की घटनाएं हो रही हैं। जिसमें लोहा व मशीन चोरी हो रही है। जबकि फैक्ट्री बन्द पड़ी है। सिक्योरिटी गार्ड तथा केयर टेकर न होने के कारण कल रात भी कम्पनी में चोरी हुई है। मामले में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तथा क्षेत्राधिकारी डोईवाला के पर्यवेक्षण में टीमें गठित की गयी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने मौहम्मद इरशाद उर्फ शीशी पुत्र मो. इलियास निवासी दूधली थाना कीरतपुर जिला बिजनौर, उप्र, मुकम्मिल पुत्र सगीर निवासी मुस्लिम बस्ती, भानियावाला तथा भोला उर्फ नाटू पुत्र सुरेश निवासी परशुराम चौक, गोविन्दनगर ऋषिकेश को एक छोटे हाथी में लोहे के बड़े 6 फीट के गार्टर—05, बड़े—छोटेे एंगल—34 अदद के साथ माजरी ग्रान्ट लालतप्पड़ से गिरफ्तार किया।
एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी इरशाद के अनुसार उसकी और मुकम्मिल की भानियावाला में कबाड़ी की दुकान है। भोला गाडी चलाने का काम करता है, जो अक्सर हमारी दुकान से कबाड का माल लेकर जाता था। एक वर्ष पूर्व हमारी मुलाकात केशवपुरी बस्ती निवासी आशीष तथा अर्जुन से हुई, जो दुकान में अक्सर लोहे का सामान बेचने आते थे। उनके द्वारा हमे बताया गया कि लालतप्पड स्थित बिरला यामाहा फैक्ट्री काफी लम्बे समय से बन्द पड़ी है जहां लोहे के बडे—बडे गार्टर व एंगल पड़े हैं। जिसके बाद इन लोगों ने इस फैक्ट्री से गार्टरों व एंगलो को चोरी करने की योजना बनाई तथा उक्त योजना में अपने साथी मुकम्मिल के अलावा आशीष, अर्जुन तथा भोला को भी शामिल किया।
बताया कि मैं, मुकम्मिल, आशीष और अर्जुन फैक्ट्री में जाकर सामान चोरी करने का काम करते थे और भोला चोरी के माल को अपनी गाडी में ले जाकर बेचने का काम करता है। ये लोग विगत एक वर्ष से बन्द पडी फैक्ट्री के अन्दर गैस कटर की सहायता से गार्टर तथा एंगलों को काटकर उनके छोटे—छोटे टुकडे बनाकर चोरी के माल को ऋषिकेश व अन्य क्षेत्रों में ले जाकर बेच रहे थे। बताया कि पूर्व में उन्हें लाल तप्पड चौकी में नियुक्त सिपाही स्वप्निल ऋषि द्वारा चोरी के माल के साथ पकडा था, पर मौके पर हमारे द्वारा उसे कुछ हिस्सा देने पर उसने हमें मौके पर ही छोड़ दिया। इसके बाद वह लगातार हमारे सम्पर्क में था। सूचनाएं देने के एवज में उसे हर चोरी में 10 से 15 हजार तक का हिस्सा दिया जाता था।
पूछताछ के दौरान सिपाही स्वप्निल ऋषि का नाम प्रकाश में आने पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इनमें से आशीष, निवासी केशव पुरी बस्ती तथा अर्जुन, निवासी केशव पुरी बस्ती फरार हैं।